छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के ढोंगसरा-भनवारटंक स्टेशन के बीच मंगलवार को कोयले से भरी मालगाड़ी पटरी से उतर गई। इंजन समेत 23 डिब्बे पटरी से उतरकर पलट गये। बुधवार 27 नवंबर की सुबह तक भी लाइन क्लियर नहीं हो सकी है, जिसके चलते छत्तीसगढ़ से यूपी और एमपी की तरफ जाने वाले य़ात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
रूट क्लियर न होने के चलते रेलवे ने बिलासपुर-शहडोल मेमो को रद्द कर दिया है। दुर्ग-अंबिकापुर एक्सप्रेस समेत चार ट्रेनों का संचालन संदेह के घेरे में है। वहीं, 9 ट्रेनों को परिवर्तित मार्ग से चलाया जा रहा है। अगर दोपहर-शाम तक इस रूट पर ट्रेनें नहीं चलीं तो यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। इससे पहले मंगलवार को बिलासपुर से छूटने वाली ज्यादातर ट्रेनें रद्द कर दी गई थीं। रेलवे द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था नहीं किए जाने से एमपी-यूपी जाने वाले यात्री परेशान हैं।
ट्रेन रद्द होने की सूचना के बाद रेलवे प्रशासन ने बिलासपुर के यात्रियों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की। यात्रियों को दुर्ग से निकलने वाली ट्रेनों तक पहुंचना होता था। लेकिन, रेलवे ने इस पर ध्यान नहीं दिया। जिसके कारण यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा और उन्हें अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी। पर्यटक अपने खर्चे पर दुर्ग तक पहुँच सकते थे, लेकिन यहाँ से कोई ट्रेन नहीं थी।
ट्रेनों के रद्द होने से बिलासपुर या उसलापुर स्टेशन से यात्रा करने वाले यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। अमरकंटक एक्सप्रेस और सारनाथ एक्सप्रेस में बड़ी संख्या में यात्री सफर करते हैं। जिन यात्रियों के पास रिजर्वेशन था वे पूरी तैयारी के साथ यात्रा शुरू होने का इंतजार कर रहे थे। लेकिन, एक दुर्घटना के कारण उन्हें अचानक यात्रा रद्द करनी पड़ी।
ऐसी ही स्थिति बुधवार को देखने को मिल रही है। रेलवे का पूरा अमला मौके पर तैनात है, लेकिन हादसे की गंभीरता और ट्रैक को हुए नुकसान को देखते हुए बुधवार रात तक भी लाइन सामान्य होने की उम्मीद नहीं है। हालांकि, अधिकारियों ने इस बारे में आधिकारिक जानकारी नहीं दी है। यह भी नहीं बताया गया है कि यह लाइन कब चालू होगी।