Gwalior News: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में कुत्ते के काटने की दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। प्रदेश में आवारा कुत्तों का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है। कुत्तों के काटने की बड़ी घटनाएं हर दिन सामने आती रहती हैं। अब ग्वालियर में आवारा कुत्तों ने एक 7 साल के मासूम बच्चे को अपना शिकार बना लिया। इस दौरान कुत्ते ने बच्चे को 18 जगहों पर काटा।
दरअसल ग्वालियर रामकृष्ण मिशन के शारदा बालग्राम आश्रम के एक 7 वर्षीय बालक पर कुत्तों ने हमला कर दिया। हमले में बच्चे को सिर और चेहरे सहित 18 चोटें आईं। कुत्ते ने तो उसकी खोपड़ी भी खा ली। उन्हें जेएएच सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल ले जाया गया। यहां शनिवार को डॉक्टरों ने ढाई घंटे का ऑपरेशन कर उसकी जान बचाई। उन्हें 107 टांके आये। दो सप्ताह बाद प्लास्टिक सर्जरी की जाएगी। डॉक्टर का कहना है कि कुत्तों ने बच्चे के सिर से ढाई इंच की चमड़ी खा ली।
घटना में बच्चे को सिर से पैर तक लगभग 18 गंभीर चोटें आईं। बच्चे की हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने तुरंत ऑपरेशन शुरू कर दिया, जो 2 घंटे से अधिक समय तक चला। इस ऑपरेशन के दौरान बच्चे को सिर से पैर तक 107 टांके लगाने पड़े।
शारदा बाल गांव के संजय करकरे ने बताया कि आश्रम के पीछे लोग मरे हुए जानवरों को खाते हैं, जिन्हें कुत्ते खा जाते हैं। ये कुत्ते आश्रम में आते हैं और लोगों को काटते हैं। हमने कई बार निगम अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई और अब यह चौंकाने वाली घटना घटी है। कुत्तों ने बच्चे को बुरी तरह नोच डाला।
जेएएच के बाल शल्य चिकित्सक डॉ. जितेंद्र ग्रोवर ने इस बच्चे का ऑपरेशन किया उनका कहना है, कि बच्चे की हालत गंभीर थी। कुत्ते के काटने के मामले आम हैं, लेकिन मेरे मेडिकल करियर में यह पहली बार है कि इतना भयावह मामला सामने आया है। आवारा कुत्तों ने बच्चे को 17 से 18 जगहों पर बुरी तरह काट लिया था। कुत्तों ने खोपड़ी खा ली, जो 2.5 इंच लंबी और इतनी ही चौड़ी थी।
बच्चे की स्थिति को देखते हुए, मुझे एक सर्जन, डॉ. चित्रांगदा और एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. नमृता जैन के साथ मिलकर ऑपरेशन की योजना तैयार करनी थी। बच्चे को 107 से ज्यादा टांके लगे हैं। ऑपरेशन के बाद बच्चे की पट्टियां बांध दी गई हैं, लेकिन उसकी प्लास्टिक सर्जरी बाद में की जाएगी।
गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. आर.के.एस. धाकड़ का कहना है कि पिछले दो वर्षों में कुत्तों के काटने के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। बच्चों को उनके छोटे आकार के कारण निशाना बनाना चिंता का विषय है। उनका कहना है कि जिस तरह से बच्चा गंभीर रूप से घायल हुआ है, उससे ऐसा लगता है कि उस पर एक समूह ने हमला किया था, क्योंकि एक कुत्ता इतनी चोटें नहीं पहुंचा सकता। बच्चा समय पर सुपर स्पेशियलिटी में पहुंच गया। उनका ऑपरेशन बहुत जटिल और लंबी प्रक्रिया थी, लेकिन एक टीम बनाकर इसे सफलतापूर्वक पूरा किया गया।