भोपाल: राज्य सरकार ने तीन जिलों में रह रही विशेष पिछड़ी जनजाति समूह की बसाहटों में हेबिटेट्स राईट्स प्रदान किये हैं। दरअसल, केंद्र के वन अधिकार अधिनियम के तहत आवास अधिकार प्रदान किए जाते हैं तथा वन अधिकार अधिनियम के तहत समुदायों को उनके पारंपरिक क्षेत्रों, सांस्कृतिक प्रथाओं, आजीविका के साधनों, जैव विविधता ज्ञान, प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए पर्यावास का अधिकार प्रदान किया जाता है। इसके तहत जिला डिण्डौरी में जनजाति बैगा के सात ग्रामों, मंडला जिले में बैगा जनजाति के 14 ग्रामों तथा छिन्दवाड़ा जिले के पातालकोट में भारिया जनजाति के 12 ग्रामों में हेबिटेट्स राईट्स प्रदान किये गये हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में तीन विशेष पिछड़ी जनजातियों के समूह हैं जोकि बैगा, सहरिया एवं भारिया हैं। सहरिया जनजाति जिला भिंड, मुरैना, श्योपुर, ग्वालियरख् दतिया, शिवपुरी, गुना एवं अशोकनगर में निवासरत है जबकि बैगा जनजाति जिला मंडला, डिण्डौरी, बालाघाट, उमरिया, शहडोल एवं अनूपपुर में निवास करती है। भारिया जनजाति जिला छिन्दवाड़ा के पातालकोट में निवास करती है।