हिन्दी लोकोक्तियाँ-36 -दिनेश मालवीय


स्टोरी हाइलाइट्स

1.   दोस्त के बिना ज़िन्दगी जैसे नमक बिना दाल.जीवन में एक ही सही लेकिन अच्छा दोस्त होना चाहिए, नहीं तो जीवन में आनंद नहीं आता.

हिन्दी लोकोक्तियाँ-36 -दिनेश मालवीय 1.   दोस्त के बिना ज़िन्दगी जैसे नमक बिना दाल. जीवन में एक ही सही लेकिन अच्छा दोस्त होना चाहिए, नहीं तो जीवन में आनंद नहीं आता. 2.   दोस्ती में लें-दें बैर का मूल. दोस्ती में लेन-देन के कारण अक्सर दुश्मनी हो जाती है. 3.   दौड़ चलो न ठोकर खाओ. हड़बड़ी में काम करने पर नुकसान होता है. 4.   दौलत पाए न कीजिए सपने में अभिमान. धन-संपात्ति पाकर कभी अभिमान नहीं करना चाहिए. यह अस्थिर होती है. 5.   दौलतमंद के सब रिश्तेदार. पैसे वाले आदमी का हर कोई अपना होता है. 6.   धन को धन कमाता है. धन से ही व्यवसाय करके धन बढाया जा सकता है. 7.   धन जाए पर मान न जाए. धन भले ही चला जाए, लेकिन मर्यादा नहीं जानी चाहिए. 8.   धन से धर्म. पैसे पास में हों तभी कोई दान- धर्मम यज्ञ आदि कर सकता है. 9.   धन्ना सेठ का नाती बनना. ऐसा तब कहा जाता है, जब कोई थोड़ा-सा धन आने पर ही अपने को बड़ा साहूकार बताने की कोशिश करता है. 10.  धर्म की जड़ पाताल में. धर्म करने वाले का कभी अनिष्ट नहीं होता. 11.  धरी-धराई वस्तु पराई. कंजूसों के लिए कहा जाता है. धरा हुआ पैसा दूसरों के ही काम आता है. 12.  धान धनी का शोभा नगर की. धनवान व्यक्ति के आसपास रहने वालों का भी सम्मान होता है. 13.  धावेगा सो पावेगा. परिश्रम करने वाले को ही फल मिलेगा. 14.  धीरज, धर्म, मित्र और पत्नी की परीक्षा संकट के समय ही होती है. इन चारों लोगों की परीक्षा संकट काल में ही होती है. जो सच्चा निष्ठावान नहीं होता, वह विपत्ति के समय किनारा कर लेता है. 15.  धूप में बाल सफेद नहीं किया हैं. जब कोई व्यक्ति किसी अनुभवी व्यक्ति को मूर्ख बनाना चाहता है, तब कहते हैं. 16.  घर में धुल उड़ना. घर में कुछ भी न होना. बहुत गरीबी. 17.  धूल से पैसे बनाते हैं. बहुत चालाक आदमी के बारे में कहा जाता है. 18.  धीरज का फल मीठा. धैर्य रखने के सच्चे परिणाम होते हैं. आपा नहीं खोना चाहिए. 19.  धोती आकाश में सूखती है. जो व्यक्ति बहुत छूआछूत मानता है, उसके लिए व्यंग्य में कहते हैं. 20.  धोती के भीतर सभी नंगे. कोई भी व्यक्ति अवगुणों से रहित नहीं होता.