स्टोरी हाइलाइट्स
पातालेश्वर मंदिर- भारत के बिहार राज्य के हाजीपुर गाव में बना एक हिन्दू मंदिर है। यहाँ के स्थानिक लोगो के अनुसार इस मंदिर का अस्तित्व प्राचीन काल से है और कहा जाता है की स्वयं भगवान शिव ने यहाँ लिंग की स्थापना की है।
पातालेश्वर मंदिर- भारत के बिहार राज्य के हाजीपुर गाव में बना एक हिन्दू मंदिर है। यहाँ के स्थानिक लोगो के अनुसार इस मंदिर का अस्तित्व प्राचीन काल से है और कहा जाता है की स्वयं भगवान शिव ने यहाँ लिंग की स्थापना की है।
पातालेश्वर मंदिर का इतिहास दिलचस्प है। सोलंकी युग के राजा सिद्धराज सोलंकी का जन्म इस स्थान पर हुआ। उत्सव में महारानी मिनलदेवी ने आदेश दिया की प्यासे यात्रियों के लिए कुआं खोदा जाए। कुआं खोदते समय शिवलिंग की उत्पत्ति हुई और तभी बाद में पातालेश्वर मंदिर का निर्माण कुएं के आकार में किया गया। इसका उपनाम पाताल-ईश्वर है, जिसका अर्थ “जमीन के निचे के भगवान” से है, वास्तविक रूप से मंदिर का निर्माण आठवी शताब्दी में जमीन से 40 फीट निचे किया गया था, जबकि नयी संरचना का निर्माण जमीन के उपर किया गया। मंदिर के निर्माण के लिए मूल पत्थरो का उपयोग किया गया और दीवारों पर लिखे गये शिलालेखो में साँप के प्रतीक बने हुए है।
मंदिर के मुख्य देवता भगवान शिव है। बड़ी धूम-धाम और उत्साह के साथ यहाँ महाशिवरात्रि मनायी जाती है। यह एक हिन्दू उत्सव है जो हर साल भगवान शिव की याद में मनाया जाता है। इसे पद्मराजरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। इस उत्सव के विविध नामो में महाशिवरात्रि, शिवरात्रि, शिवारात्रि और शिवरात्री शामिल है। शिवरात्रि का अर्थ भगवान शिव की महान रात से है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर साल माघ या फाल्गुन के माह की 13 वी रात और 14 वे दिन को यह उत्सव मनाया जाता है।
भारत में बहुत से कैलेंडरों का उपयोग किया जाता है, इसीलिए कभी-कभी सभी जगहों पर इसकी तिथि एक जैसी नही रहती। शालिवहना, गुजरती विक्रम, फाल्गुन और विक्रम युग के अनुसार माह के कृष्ण पक्ष की पूर्ण रात को यह उत्सव मनाया जाता है। महाशिवरात्रि के दिन अपने आराध्य देवता का दर्शन करने यहाँ बड़े संख्या में श्रद्धालु आते हैं।