भारत से चोरी मूर्तियां बेचता है अमेरिका का ये  फाउंडेशन


स्टोरी हाइलाइट्स

भारत से चोरी मूर्तियां बेचता है अमेरिका का ये  फाउंडेशन

अमेरिकी फाउंडेशन येल विश्वविद्यालय चोरी की मूर्तियां डिस्ट्रीब्यूटर करता है|

स्नैपशॉट

 
  • स्वयंसेवी संस्था इंडिया प्राइड प्रोजेक्ट का  खुलासा - कैसे अमेरिका स्थित एक फाउंडेशन चोरी की भारतीय कला distribute करता है। संस्था का  दावा आने वाले हफ्तों में इस तरह के और भी कई खुलासे  होंगे ।

ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय गैलरी (एनजीए) ने गुरुवार को घोषणा की कि वह अपने एशियाई कला संग्रह से 14 मूर्तियां/  कलाकृतियां भारत लौटाएगा। इनमें से 13 कलाकृतियां जेल में बंद कला तस्कर(art trafficker) सुभाष कपूर से जुड़ी हैं। सुभाष कपूर आर्ट ऑफ़ पास्ट के ज़रिये मूर्तियाँ सप्लाई करता था| 

 

इधर इंडिया प्राइड प्रोजेक्ट ने संयुक्त राज्य अमेरिका में 'आर्ट ऑफ द पास्ट' और रुबिन-लैड फाउंडेशन के बीच घनिष्ठ संबंधों का खुलासा किया। 

 

ये संग्रहालय इस फाउंडेशन के लाभार्थी थे-

 

 - नॉर्टन साइमन संग्रहालय, कार्लोस-एमोरी संग्रहालय, येल यूनिवर्सिटी, सैन एंटोनिया म्यूज़ियम ऑफ़ आर्ट, लॉस एंजिल्स काउंटी, ऑकलैंड म्यूज़ियम, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, लोव आर्ट म्यूज़ियम, लेह यूनिवर्सिटी, वॉर्सेस्टर आर्ट म्यूज़ियम।

 

पिछले एक दशक में, फाउंडेशन ने 'आर्ट ऑफ द पास्ट' से कई खरीदारी की है और अपने लाभार्थी संग्रहालयों को ऐसे कई कलाकृतियां  गिफ्ट में दिए हैं।

 

उदाहरण के लिए 2013 की टैक्स फाइलिंग को लें, इस वर्ष फाउंडेशन ने तीन अमेरिकी संग्रहालयों/विश्वविद्यालयों को 428,500 अमेरिकी डॉलर मूल्य की  कलाकृतियों  को उपहार में  दिया था। रिटर्न, जो इन वस्तुओं के स्रोत के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं, फाउंडेशन के इन्वेंट्री स्टॉक और जिस डीलर से उन्होंने इसे प्राप्त किया है, वह दर्शाता है कि नीचे सूचीबद्ध वस्तुओं को 'आर्ट ऑफ द पास्ट' से प्राप्त किया गया है। 

 

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समूह अब यह साबित कर सकता है कि 'आर्ट ऑफ द पास्ट से टू रुबिन-लड्ड फाउंडेशन और यहाँ से  प्रतिष्ठित अमेरिकी संग्रहालयों' तक भारत से चुराई मूर्तियां पहुंचाई  जाने का रास्ता बनाया गया|

 

इस रूट का उपयोग भारत के संरक्षित पुरातात्विक स्थलों से चुराई गई कला को  वैध करने के लिये किया।

 

आप इस कुबेर की मूर्ति मूर्ति को देखें

  https://twitter.com/RatanSharda55/status/1424570876469469188?s=20  

यह मूर्ति, जो सुभाष कपूर से प्राप्त की गई थी ये  रुबिन-लड्ड फाउंडेशन द्वारा येल विश्वविद्यालय को उपहार में दी गई थी, ये कुबेर मूर्ति उत्तर प्रदेश से चुराई गई थी|

 

कुबेर आइडल “रुबिन लैड फाउंडेशन” के पास पहुंची कई अवैध प्राचीन  कृतियों  में से एक है।

सौजन्य से : स्वराज्य  [embed]https://youtu.be/JOgmRy_Hrwg[/embed]