महाभारत में धृतराष्ट्र की पुत्री 'दु:शला' के बारे में जिक्र कहाँ-कहाँ है- Dushala in Mahabharat
सबसे पहले इसका जवाब दिया गया: महाभारत में धृतराष्ट्र की पुत्री 'दुशाला' के बारे में जिक्र कहाँ-कहाँ है ?
महाभारत में दुशाला का जिक्र बहुत ही कम है. लेकिन एक तरह से अभिमन्यु की मृत्यु का कारण दुशाला को भी माना जा सकता है. क्योंकि मृत्यु किसी ना किसी कारण से ही आती है. आईये अब जानते हैं की दुशाला कौन थी।
महाभारत के अनुसार, धृतराष्ट्र और गांधारी के 100 पुत्र थे, ये बात तो सभी जानते हैं, मगर बहुत कम लोग ये जानते हैं कि उनकी एक पुत्री भी थी, जिसका नाम दु:शला था।
कौरवों की बहन दु:शला का विवाह सिंधु देश के राजा जयद्रथ से हुआ था। जिस समय पांडव वनवास में थे। उस समय जयद्रथ ने द्रौपदी का हरण कर लिया था। तब पांडवों ने जयद्रथ का वध न करते हुए उसका सिर मुंड दिया था। इसका बदला लेने के लिए जयद्रथ ने भगवान शिव को प्रसन्न कर अर्जुन को छोड़कर शेष पांडवों को हराने का वरदान प्राप्त किया था।
अभिमन्यु की मौत की वजह बना था जयद्रथ-
महाभारत युद्ध के दौरान जब द्रोणाचार्य ने चक्रव्यूह की रचना की तो उसके मुख्य द्वार पर जयद्रथ को नियुक्त किया गया।
जब अभिमन्यु ने चक्रव्यूह में प्रवेश किया तो जयद्रथ ने भगवान शिव के वरदान से भीम, शेष पांडवों तथा पांचालों को वहीं रोक दिया।
इस वजह से वे चक्रव्यूह में प्रवेश नहीं कर पाए और अभिमन्यु की मृत्यु हो गई। अभिमन्यु की वध का बदला लेने के लिए अर्जुन ने अगले दिन ही यानी कि चौदवे दिन ठीक सूर्यास्त से पहले जयद्रथ का वध कर दिया था।
महाभारत का युद्ध समाप्त होने के बाद जब पांडवों ने अश्वमेध यज्ञ किया तो अर्जुन को यज्ञ के घोड़े का रक्षक बनाया गया।
दु:शला के बेटे सुरथ को जब पता चला की यज्ञ का घोड़ा सिंधु देश पहुंच गया है और उसके साथ अर्जुन भी हैं तो यह सुनकर ही उसकी मृत्यु हो गई।
तब दु:शला अपने पोते को लेकर अर्जुन के पास गई। दु:शला ने जब ये बात अर्जुन को बताई तो उन्हें बहुत दुःख हुआ और वे अपनी बहन को रक्षा का वचन देकर वहां से चले गए।
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