Indore News: देशभर में क्रिसमस का त्यौहार धूमधाम से मनाया गया। क्रिसमस के मौके पर फूड डिलीवरी ऐप ज़ोमैटो के डिलीवरी राइडर्स सांता क्लॉज़ की पोशाक पहनाकर फूड डिलीवरी करते नज़र आए।
इसी बीच मध्य प्रदेश के इंदौर से एक वीडियो सामने आया है, जिसमें साफ दिख रहा है कि कुछ लोग जोमैटो के आइडिया से नाखुश हैं। इंदौर में सांता क्लॉज़ की ड्रेस पहनने पर एक डिलीवरी बॉय को ना सिर्फ परेशान किया गया बल्कि उसे सांता क्लॉज का कॉस्ट्यूम उतारने के लिए भी मजबूर किया गया।
इंदौर का यह वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें कैमरे के पीछे एक शख्स जोमैटो डिलीवरी बॉय से सवाल करता नजर आ रहा है कि उसने सांता क्लॉज के कपड़े क्यों पहने हैं। इस पर वह आदमी जवाब देता है कि उसकी कंपनी ने सवारों को सांता क्लॉज़ की ड्रेसअप करने के लिए कहा था। इस पर उस व्यक्ति ने पूछा कि जोमोटो के लोग हिंदू त्योहार के लिए तैयार होने के लिए क्यों नहीं कहते।
वीडियो में शख्स यह कहते हुए सुनाई दे रहा है, “क्यों भाई? दिवाली पर आप राम की तरह तैयार होते हैं और डिलीवरी करने जाते हैं? ऑर्डर करने वाले ज्यादातर लोग हिंदू होंगे, क्योंकि इतनी आबादी किसी और की नहीं है। तो उनका ऑर्डर क्या है डिलीवरी करने के लिए?”
कभी भगवा पहना है? यह कहते हुए शख़्स ने डिलीवरी बॉय से सांता के कपड़े उतारने और पोशाक वापस बैग में रखने को कहा। शख़्स ने डिलीवरी बॉय से पूछा ये कपड़े पहनकर आप क्या संदेश देना चाहते हैं? टोपी उतारो, लाल शर्ट उतारो। डिलीवरी बॉय ने यह कहने की कोशिश की कि अगर उसने ऐसा किया तो जोमोटो उसकी आईडी ब्लॉक कर देगा और उसे आगे काम नहीं करने देगा, लेकिन वीडियो बनाने वाले ने उसकी एक ना सुनी।
इतना ही नहीं, एक हिंदू संगठन से जुड़ा शख्स यह भी कहता नजर आ रहा है, 'ये वो लोग हैं जिनका हिंदू त्योहारों पर ब्रेनवॉश किया जाता है, लेकिन ईसाई और इस्लामिक त्योहारों पर इनके पास देने के लिए बहुत अच्छा संदेश होता है।' डिलीवरी बॉय अर्जुन द्वारा सांता क्लॉज़ की पोशाक उतारने के बाद, आदमी उसे धन्यवाद देता है और 'जय श्री राम' कहता है और चला जाता है। सोशल मीडिया पर ये वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो को अब तक लाखों बार देखा जा चुका है और लोग वीडियो बनाने वाले पर जमकर विशाना साध रहे हैं।
कई लोग डिलीवरी बॉय के समर्थन में उतर आए हैं और कह रहे हैं कि धर्म के नाम पर गरीबों को परेशान करना और निर्दोषों पर अत्याचार करना ठीक नहीं। अन्य यूजर्स का कहना है, कि 'एक गरीब व्यक्ति कड़ी मेहनत करके और लोगों तक खाना पहुंचाकर कुछ कमा रहा है ताकि वह अपने परिवार का भरण-पोषण कर सके। वह अपनी मर्जी से नहीं बल्कि अपनी कंपनी के आदेश पर काम करता है। आजकल लोगों के मन में सिर्फ नफरत भरी हुई है।