स्टोरी हाइलाइट्स
विनिशा उमाशंकर तिरूवनामलई जो की 14 साल की हैं| वह एक प्रायवेट स्कूल में 9 वी कक्षा की छात्रा हैं।
पहल :- 14 साल की विनिशा उमाशंकर को मिला चिल्ड्रंस क्लाइमेट प्राइज 2020
विनिशा उमाशंकर तिरूवनामलई जो की 14 साल की हैं| वह एक प्रायवेट स्कूल में 9 वी कक्षा की छात्रा हैं। उसके अंदर पर्यावरण को लेकर कुछ अलग करने की इच्छा बहुत दिन से थी| इसी जज्बे को निरंतर अपने अंदर रखत हुए उसने E solar panel से चलने वाली मोबाइल आयरन कार्ट बनाई|
इसको बनाने के बाद उसे प्रतिष्ठित सम्मान चिल्ड्रंस क्लाइमेट प्राइज से सम्मानित किया गया है। विनिशा का नाम 18 साल से कम उम्र के किशाेरों को प्रधानमंत्री द्वारा सम्मानित किया जाने वाले राष्ट्रीय बाल शक्ति पुरस्कार 2021 के लिए भी शॉर्टलिस्ट किया गया है।
विनिशा को चिल्ड्रंस क्लाइमेट प्राइज 2020 में सम्मान के तौर पर 8.64 लाख की राशि मिली। राशी के अलावा उसे स्वीडन आधारित चिल्ड्रंस क्लाइमेट फाउंडेशन की ओर से मेडल और डिप्लोमा भी मिला। कोरोना के चलते एक डिजिटल समारोह के अंतर्गत 18 नवंबर को विनिशा को यह अवार्ड मिला। यह दुनिया का सबसे बड़ा इंटरनेशनल क्लाइमेट अवार्ड है जो हर साल युवा इन्नोवेटर्स को दिया जाता है।
विनिशा ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया, 'मैं जहां रहती हूं, वहां मैंने देखा कि एक प्रेस वाला अपनी पत्नी के साथ लोगों के कपड़े प्रेस करने का काम करता है। वे दोनों प्रेस के लिए कास्ट आयरन बॉक्स वाली कोयले की प्रेस का इस्तेमाल करते हैं। मैंने भी कई बार अपने कपडे उधर प्रेस करवाए हैं| प्रेस के बाद जले हुए कोयलों को ठंडा करने के लिए वे मैदान में ही डाल देते हैं। उसके बाद उन्हें कचरे के ढेर पर फेंक दिया जाता है। मेरे घर के आसपास ऐसे छ: लोग और है जो यह काम करते हैं'।
इन लोगों की परेशानी और पर्यावरण दोनों ने ही विनिशा को यह सोचने पर मजबूर किया कि क्यों न ऐसी आयरन डिजाइन की जाए जिसके लिए कोयले की जरूरत न पड़े| वैसे भी जला हुआ कोयला पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है। पिछले साल विनिशा को आयरन डिजाइन करने के लिए डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम IGNITE अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। इससे पहले विनिशा मोशन सेंसर के जरिये चलने वाले स्मार्ट सीलिंग फैन का अविष्कार भी कर चुकी हैं। इसके लिए 2019 में उन्हें बेस्ट वुमन इन्नोवेटर कैटेगरी में डॉ. प्रदीप पी थेवन्नूर इन्नोवेशन अवार्ड से नवाजा गया था।