भोपाल: राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग ने लोक सेवकों के विरुध्द अभियोजन की स्वीकृति का नया प्रावधान जारी किया है। इसमें अब नियुक्तिकर्ता अधिकारी 45 दिन के अंदर जांच एजेन्सियों को अभियोजन की स्वीकृति देगा। यदि प्रकरण विभागीय अनियमितता का है तो इसमें अभियोजन की स्वीकृति नहीं दी जायेगी।
साथ ही दैनिक वेतन भोगी/स्थायी कर्मी/संविदा कर्मियों के लिये अभियोजन की स्वीकृति की वही प्रक्रिया होगी जो नियमित शासकीय कर्मियों के लिये निर्धारित है लेकिन शासकीय कार्यालयों में आउटसोर्स एवं मानदेय पर रखे गये कर्मियों के लिये लोकायुक्त, ईओडब्ल्यु, पुलिस आदि जांच एजेन्सियों को अभियोजन की स्वीकृति देने की जरुरत नहीं होगी तथा ये जांच एजेन्सियों सीध्णे अभियोजन की कार्यवाही कर सकेंगी।
नये प्रावधान में यह भी कहा गया है कि जांच एजेन्सियों द्वारा प्रस्तुत अभियोजन स्वीकृति के प्रकरणों का परीक्षण करते समय आरोपी अधिकारी/कर्मचारी द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन पर प्रकरण में अन्य समानांतर जांच या सुनवाई करने का प्रावधान नहीं है। केवल परिवाद यानि प्रायवेट कम्प्लेंट के मामलों में मंजूरी देने के पूर्व संबंधित लोक सेवक को सुनवाई का अवसर दिया जाना आवश्यक होगा।