गाजा युद्ध विराम के बाद इजरायल का सबसे बड़ा हवाई हमला, बमबारी में 44 मारे गए फिलिस्तीनी


Image Credit : X

स्टोरी हाइलाइट्स

इज़रायली वायु सेना ने गाजा पट्टी पर बमबारी की है, इज़रायली हवाई हमलों में कम से कम 44 फिलिस्तीनी मारे गए और कई अन्य घायल हो गए, इज़रायली सेना ने हमास के ठिकानों पर हमला करने का दावा किया है..!!

इजरायल ने एक बार फिर गाजा पट्टी पर बमबारी शुरू कर दी है। सोमवार रात और मंगलवार सुबह गाजा में कई विस्फोट हुए। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इजरायली हवाई हमलों में कम से कम 44 लोग मारे गए हैं। एक एजेंसी के अनुसार, 19 जनवरी को युद्ध विराम शुरू होने के बाद से गाजा में ये सबसे बड़े इजरायली हमले हैं। ये हमले ऐसे समय में हुए हैं जब दोनों पक्षों के बीच युद्धविराम को बढ़ाने के लिए बातचीत रुकी हुई है। 

इजराइल और हमास इस बात पर असहमत हैं कि 19 जनवरी को सहमत हुए तीन चरणीय युद्धविराम को कैसे कायम रखा जाए। पिछले दो सप्ताह से चल रही वार्ता में अमेरिकी और अरब मध्यस्थ दोनों पक्षों को युद्धविराम पर सहमत कराने में असफल रहे हैं।

इज़रायली सेना का कहना है कि उसने गाजा में हमास के ठिकानों पर हमला किया है। इज़रायली सेना ने टेलीग्राम पर एक पोस्ट में कहा कि वह गाजा पट्टी में हमास के ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हमले कर रही है। दूसरी ओर, स्थानीय डॉक्टरों ने कहा है कि इन हमलों में आम लोगों, बच्चों और महिलाओं को निशाना बनाया गया है। डॉक्टरों और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मध्य गाजा के देर अल-बलाह में तीन घरों, गाजा शहर में एक इमारत तथा खान यूनिस और राफा में बम विस्फोट हुए।

इस वर्ष 19 जनवरी को हमास और इजरायल के बीच युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर किये गये। इस दौरान यह निर्णय लिया गया कि दोनों पक्षों में लड़ाई बंद हो जाएगी। अब इस समझौते को आगे बढ़ाने को लेकर दोनों के बीच मतभेद हैं। इस बीच, हिंसा फिर शुरू हो गई है। इजराइल ने हमास के खिलाफ सैन्य बल बढ़ाने की भी बात कही है।

इजरायली प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा है कि सेना को गाजा में हमास पर हमला करने का निर्देश दिया गया है। बयान में कहा गया कि ऐसा हमास द्वारा बंधकों को रिहा करने से बार-बार इनकार करने तथा अमेरिकी राष्ट्रपति के दूत स्टीव विटकॉफ और मध्यस्थों के प्रस्तावों को अस्वीकार करने के कारण किया गया।

इज़रायल और हमास के बीच अक्टूबर 2023 से लड़ाई चल रही है। 17 महीने से चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए जनवरी में युद्धविराम हुआ था। इस समझौते में इज़रायल ने 2,000 फ़िलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया और बदले में हमास ने दर्जनों इज़रायली बंधकों को रिहा किया। इससे क्षेत्र में शांति की उम्मीद जगी थी, लेकिन अब यह उम्मीद फिर टूट गई है।