भोपाल: राज्य के जल संसाधन विभाग ने जल जीवन मिशन अंतर्गत ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजनाओं में गड़बड़ी करने पर जल निगम की खिंचाई की है। यह खिंचाई नर्मदा घाटी विकास विभाग, जल निगम और जल संसाधन विभाग की एक संयुक्त बैठक में की गई है।
बैठक में बताया गया कि जल निगम के एक ठेकेदार द्वारा शहडोल जिले की बाणसागर परियोजना की सीडब्ल्युसी नहर में बिना सहमति के सिविल निर्माण कार्य किये जा रहे हैं जिससे संरचना का मूल स्वरुप बदलने से नहर के प्रवाह पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है। जल संसाधन विभाग ने इसे गंभीरता से लेते हुये ठेकेदार के विरुध्द कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं।
इसी प्रकार, छिन्दवाड़ा जिले की माचागोरा समूह जल प्रदाय योजना अंतर्गत पेंच डायवर्सन प्रोजेक्ट में निर्मित जलाशय में जल निगम ने बिना अनुमति एक अप्रोच रोड का निर्माण किया गया है, जिसके लिये जल संसाधन विभाग ने कहा है कि उत्तरदायित्व का निर्धारण कर जल निगम द्वारा जलाशय को मूल स्वरुप में लाये जाने की कार्यवाही की जाये।
आगे ये होंगे प्रावधान :
संयुक्त बैठक में निर्णय लिया गया है कि सामान्यतया सभी बांधों से पेयजल प्रदाय हेतु पानी लिया जाना है, इसलिये निर्माणाधीन एवं प्रस्तावित बांधों की बॉडी में डेड स्टोरेज एवं सिल्ट लेवल के मध्य एक स्लूस के समकक्ष संरचना का प्रावधान, डैम के निर्माण समय ही किया जाये जिससे निर्माण उपरान्त जलाशय एवं डैम बॉडी के समीप इंटेक वेल बनाने की जरुरत नहीं होगी।
जल संसाधन विभाग ऐसा प्रावधान उन डैमों में करेगा जिनमें पर्यावरणीय बहाव बनाया जाना जरुरी है तथा जिन डैमों में पर्यावरणीय बहाव का प्रावधान नहीं होगा वहां जल निगम को अपने व्यय पर संरचनाओं का निर्माण करना होगा।