कृषि उपज मंडियों में फल सब्जी के लाइसेंस अब 30 वर्ष के लिये मिलेंगे


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स्टोरी हाइलाइट्स

इसके लिये राज्य मंडी बोर्ड ने उपविधि में संशोधन जारी कर दिया है..!!

भोपाल: प्रदेश की कृषि उपज मंडियों में व्यापारियों को फल, सब्जी के लाइसेंस की अवधि 5 वर्ष के स्थान पर 30 वर्ष की होगी। इसके लिये राज्य मंडी बोर्ड ने उपविधि में संशोधन जारी कर दिया है और सभी मंडियों से लाइसेंस उपविधि में प्रावधान करने के लिये कहा है और यह नया प्रावधान सभी मंडियों में अनिवार्य रूप से प्रभावी हो गया है।

अब कृषि उपज मंडियों में लाइसेंस का नवीनीकरण उसकी वैधता खत्म होने के एक माह पूर्व या वैधता खत्म होने के तीन माह बाद तक आवेदन प्रस्तुत करने पर हो सकेगा। यह लाइसेंस मंडी सचिव के डिजिटल हस्ताक्षर से मिलेगा।

तुलावटी एवं हम्माल को भी 30 वर्षों हेतु लाइसेंस मिलेगा:

कृषि उपज मंडियों में तुलैया अथवा तुलावटी एवं हम्माल को भी 30 वर्ष के लिये अथवा उसकी अधिकतम आयु 62 वर्ष तक लाइसेंस मिलेगा। यह नया प्रावधान भी प्रभावशील हो गया है। यह भी लाइसेंस मंडी सचिव के डिजिटल हस्ताक्षर से मिलेगा। 

इसी प्रकार अब मंडी फीस/निराश्रित सहायता राशि का भुगतान चौदह दिनों के भीतर नहीं करने पर अथवा विलंब करने पर 24 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज सहित 1 माह में भुगतान नहीं करने पर मंडी व्यापारी का लाइसेंस रद्द कर दिया जायेगा।

हड़ताल पर भी कड़े प्रावधान किये:

अब कृषि उपज मंडियों में लायसेंसधारियों द्वारा हड़ताल या तालाबंदी करने पर रोक लगाने के लिये कड़े प्रावधान लागू किये गये हैं। हड़ताल या तालाबंदी की सूचना 7 दिन पूर्व लिखित में मंडी सचिव एवं मंडी बोर्ड के एमडी को देनी होगी।  

ऐसा न करने पर लाइसेंस सात दिन के लिये निलंबित कर दिया जायेगा। दोबारा उल्लंघन करने पर 14 दिन के लिये लाइसेंस सस्पेंड होगा। इसके बाद भी उल्लंघन किया गया तो लाइसेंस निरस्त कर दिया जायेगा।