अगर किसी महिला को मेकअप का ज्यादा शौक नहीं भी होता है, तो लिपस्टिक हमेशा उसके मेकअप किट में मिल ही जाती है। आजकल बाजार में लिपस्टिक के कई अलग-अलग शेड्स उपलब्ध हैं। हालांकि, बहुत से लोग नहीं जानते कि यह वास्तव में कैसे बनाई जाती है। आज हम आपको लिपस्टिक कैसे बनती है और इससे जुड़े कुछ मजेदार फैक्ट्स के बारे में बताने जा रहे हैं।
लिपस्टिक में किन चीजों का इस्तेमाल होता है?
लिपस्टिक को बनाने के लिए तेल, वैक्स, पिगमेंट, फ्रेगरेंस समेत कई चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। कंपनियां लिपस्टिक की लाइफ बढ़ाने के लिए प्रिजरवेटिव और अल्कोहल समेत कई चीजों का इस्तेमाल करती हैं, लेकिन इन सभी का खुलासा जनता के सामने नहीं किया जाता है।
लिपस्टिक कैसे बनती है?
लिपस्टिक के निर्माण में सबसे पहले इसमें पिगमेंट मिलाया जाता है। पिगमेंट की मदद से अलग-अलग रंग और रंग बनाए जाते हैं। इस मिश्रण में तेल और कलर 2:1 के अनुपात में होते हैं।
मोल्डिंग प्रक्रिया
उपरोक्त प्रक्रिया के बाद मोल्डिंग प्रक्रिया एक निश्चित तापमान पर की जाती है। इसके बाद इसे तेजी से ठंडा किया जाता है। यह सुनिश्चित करने के लिए ध्यान रखा जाता है कि मोल्डिंग प्रक्रिया के दौरान मिश्रण में कोई हवा प्रवेश न हो। ठंडा होने के बाद इसे ठंडा करके इसकी डंडी बनाई जाती है। इसके बाद फिनिशिंग का काम किया जाता है और इसे पैक करके बाजार में बेचा जाता है।
पहली व्यावसायिक लिपस्टिक
लिपस्टिक का इस्तेमाल काफी समय से किया जा रहा है। पहले महिलाएं पत्थर को तोड़कर उसके रंग से अपने होठों को रंगती थीं। फिर पहली व्यावसायिक लिपस्टिक 1884 में फ्रांसीसी ब्रांड गुरलेन द्वारा बिक्री के लिए तैयार की गई थी। अब यह ब्रांड दुनिया की सबसे महंगी लिपस्टिक बनाने के लिए जाना जाता है।
लिपस्टिक बनाने के लिए जानवरों का इस्तेमाल किया जाता है?
पुराने समय से ही लिपस्टिक बनाने के लिए जानवरों और कीड़ों के शरीर के अलग-अलग हिस्सों का इस्तेमाल किया जाता रहा है। हालांकि, कई कंपनियां अब वीगन प्रोडक्ट बनाने पर फोकस कर रही हैं। कई ब्रांड्स ने वीगन लिपस्टिक और मेकअप प्रोडक्ट बनाना शुरू कर दिया है। लेकिन बाजार में मौजूद कई मेकअप प्रोडक्ट्स में जानवरों की त्वचा से लेकर दूसरे अंगों तक की सामग्री का इस्तेमाल होता है।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। पुराण मीडिया ग्रुप इसकी पुष्टि नहीं करता है।