भोपाल: प्रदेश के गुना वनमंडल के अंतर्गत आने वाले बीनागंज एप वनमंडल के राधौगढ़ परिक्षेत्र में प्रदेश का पहला कन्जरवेशन रिजर्व फारेस्ट (संरक्षण आरक्षिति) बनेगा जोकि करीब 115 हैक्टेयर में होगा तथा यह राजस्थान के रणथम्भौर पार्क एवं मप्र के माधव नेशनल पार्क एवं कूनो के वन्यप्राणियों का कॉरीडोर भी है। इसकी तैयारी कर ली गई है तथा वन विभाग ने प्रशासकीय अनुमोदन के लिये इसे सीएम के पास भेजा है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में नेशनल पार्क एवं अभयारण्य के अंदर कोई भी निर्माण एवं खनन, भूमि के क्रय-विक्रय आदि की कोई भी गतिविधि की अनुमति नहीं होती है। इसलिये इनसे हटकर दो अन्य प्रकार के वन, कन्जरवेशन रिजर्व फारेस्ट एवं कम्युनिटी फारेस्ट बनाने के वैधानिक प्रावधान हैं। अभी तक ऐसे दोनों प्रकार के वन प्रदेश में कहीं भी नहीं बने हैं।
पहली बार है कि राधौगढ़ में कन्जरवेशन रिजर्व फारेस्ट बनाया जाना है। इसमें स्थानीय समिति के माध्यम से वनों में मानवीय गतिविधियां स्वीकृत होती हैं। दिलचस्प बात यह है कि राघौगढ़ में कन्जरवेशन रिजर्व फारेस्ट बनाने का प्रस्ताव पूर्व सांसद लक्ष्मण सिंह ने दिया है। पहले वन विभाग ने इस प्रस्ताव को यह कहकर खारिज कर दिया था कि इसके बनने से स्थानीय निवासियों की गतिविधियों एवं आजीविका पर रोक लग जायेगी। लेकिन जब उन्होंने समझाया कि कन्जरवेशन रिजर्व फारेस्ट बनाने पर क्षेत्र का जंगल बचा रहेगा तथा स्थानीय समिति के माध्यम से इसमें मानवीय गतिविधियां संचालित हो सकेंगी, तो इस पर वन विभाग सहमत हो गया और इसे स्वीकृति दे दी और अब इसे प्रशासकीय अनुमोदन हेतु सीएम के पास भेजा गया है।
इनका कहना है :
मप्र में एक भी कन्जरवेशन रिजर्व फारेस्ट नहीं है, राधौगढ़ में यह बनाया जाना प्रस्तावित है। स्थानीय समिति के माध्यम से इसमें वहां के मानवीय गतिविधियां संचालित हो सकेंगी और सामुदायिक अधिकार भी रहेंगे। हालांकि वृक्ष काटने या वन्य प्राणियों के शिकार पर रोक रहेगी।
- शुभरंजन सेन, पीसीसीएफ, वाईल्ड लाईफ, भोपाल