Mahakumbh Fire News: मेला क्षेत्र के सेक्टर 19 में रविवार शाम लगी भीषण आग के कारण का पता लगाने के लिए मजिस्ट्रेट जांच की जाएगी। महाकुंभ मेला अधिकारी विजय किरन आनंद द्वारा एडीएम प्रशासन और सेक्टर मजिस्ट्रेटों की टीम गठित की गई है।
प्रारंभिक जांच से पता चला है कि गैस सिलेंडर में लीकेज के कारण आग लगी और फिर विस्फोट हो गया। इसके बाद आग फैल गई और कई टेंट और झोपड़ियों को अपनी चपेट में ले लिया। मेला अधिकारी का कहना है कि टीम की रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
यह बात सामने आई है कि गीता प्रेस की रसोई में चाय बनाते समय छोटे सिलेंडर में लीकेज होने से आग लग गई। आग लगने के कारण रसोई में रखे करीब 2 गैस सिलेंडर फट गए। सिलेंडर फटने से आग लग गई और यह तेजी से फैल गई और आग में करीब 250 शिविर जल गए।
आपको बता दें, कि प्रयागराज में महाकुंभ मेला क्षेत्र में 19 जनवरी शाम करीब साढ़े चार बजे आग लग गई। शास्त्री ब्रिज के पास सेक्टर-19 कैंप में ये आग लगी और देखते ही देखते कई टेंट आग की चपेट में आ गए। बताया जा रहा है कि आग में करीब 250 टेंट खाक हो गए।
हालांकि, दमकल कर्मियों ने आग पर पूरी तरह काबू पा लिया और कोई हताहत नहीं हुआ। इस बीच यूपी सरकार ने इस आग की घटना को लेकर कुछ तथ्य दिए हैं, जिसमें आग लगने का कारण बताया गया है।
यूपी सरकार की ओर से जारी प्रेस नोट के अनुसार रविवार 19 जनवरी को महाकुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर नं. 19 थाना कोतवाली घूंसी अंतर्गत पुराने रेलवे पुल व नए रेलवे पुल के बीच करपात्री जी कैंप के पास गीता प्रेस गोरखपुर कैंप के किचन में आग लगने की सूचना मिलने पर शाम करीब 4.10 बजे अग्निशमन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। स्थानीय निवासियों और पुलिस की मदद से आग बुझा दी गई। समय शाम 5 बजे के आसपास निर्धारित किया गया है।
इस प्रेस नोट में कहा गया है कि गीता प्रेस की रसोई में चाय बनाते समय छोटे सिलेंडर में लीकेज के कारण आग लग गई। आग लगने से रसोई में रखे 2 गैस सिलेंडर फट गए और संजीव प्रयागवाल की 40 फूस की झोपड़ियां और 6 टेंट जलकर राख हो गए। आग से भागते समय जसप्रीत के पैर में चोट लग गई और वह बेहोश हो गया।
जसप्रीत के बेहोश होने पर उसे इलाज के लिए एंबुलेंस से महाकुमेला अंतर्गत केंद्रीय अस्पताल लाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद जसप्रीत को आगे के इलाज के लिए प्रयागराज के स्वरूप रानी मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि घायल व्यक्ति खतरे से बाहर है। आग से टेंट में रखी रोजमर्रा की वस्तुएं जैसे बिस्तर, गद्दे, कंबल, कुर्सियां, मेजें आदि नष्ट हो गईं।
गीता प्रेस के ट्रस्टी कृष्ण कुमार खेमका ने बताया, "यहां करीब 180 कॉटेज थे, हमने इन्हें बहुत सावधानी से बनाया था। सभी को आग से जुड़ा कोई भी काम करने की मनाही थी। जहां भी हमने बाउंड्री बनाई थी, वहां सर्कुलेशन जोन घोषित कर दिया था।"
मुझे नहीं मालूम कि प्रशासन ने वो जगह किसे दे दी थी, उस तरफ से कोई जलती हुई वस्तु हमारी तरफ आई और आग फैल गई, हमारा कुछ भी नहीं बचा, सब कुछ नष्ट हो गया। “हमारा रसोईघर टिन का शेड और कंक्रीट का था।”