महाराष्ट्र में सरकार बनाने की कोशिशें तेज हो गई हैं। नए मुख्यमंत्री 5 दिसंबर को मुंबई के आजाद मैदान में शपथ लेंगे। हलांकि महाराष्ट्र सीएम की कुर्सी पर कौन बैठेगा इसे लेकर अब तक सस्पेंस बरकरार है। इस पर अभी तक कोई फाइनल डिसीजन पर महायुति गठबंधन नहीं पहुंच सका है। लेकिन इन सभी चर्चाओं के बीच एक बात साफ हो गई है, कि सीएम बीजेपी का ही होगा। बुधवार 4 दिसंबर को महाराष्ट्र में बीजेपी विधायक दल की बैठक होने जा रही है। इसी बैठक में सीएम कानाम तय होने की संभावना है।
सभी विधायक केंद्रीय पर्यवेक्षकों के सामने अपने नेता का चुनाव करेंगे। ये नेता ही महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री के पद पर आसीन होंगे! आजाद मैदान में शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं।
महाराष्ट्र के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन और विजय रुपाणी को पर्वेक्षक नियुक्त किया गया है। विधायक दल की बैठक के लिए केंद्रीय पर्वेक्षक मुंबई पहुंच गए हैं।
लेकिन सरकार बनाने की कोशिशों के बीच ये खबर सामने आई है, कि देवेंद्र फड़णवीस ही अगले मुख्यमंत्री होंगे। एकनाथ शिंदे और फड़णवीस के बीच 30 मिनट तक चली मुलाकात में दोनों नेताओं के बीच सरकार बनाने को लेकर चर्चा हुई, इसे लेकर एक बीजेपी के एक नेता ने कहा कि फड़नवीस ही सीएम बनेंगे!
आपको बता दें कि दिल्ली में बीजेपी नेतृत्व से मुलाकात के अगले दिन एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के सतारा जिले में स्थित अपने पैतृक गांव चले गए। तब शिवसेना नेताओं ने उनकी खराब सेहत का हवाला दिया था।
वहां से लौटकर वह ठाणे पहुंचे. ठाणे के एक अस्पताल में जांच के बाद शिंदे मंगलवार को मुंबई स्थित अपने आवास पहुंचे। यहां उन्होंने बीजेपी नेता देवेन्द्र फड़नवीस से भी करीब आधे घंटे तक मुलाकात की।
ख़बरें ये भी थीं, कि 28 नवंबर को एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व अमित शाह और बीजेपी नेतृत्व से मुलाकात की। बैठक के दौरान शिवसेना अध्यक्ष एकनाथ शिंदे ने उन्हें छह महीने के लिए मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा। लेकिन बीजेपी नेताओं ने इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया। बैठक में भाजपा नेता देवेन्द्र फड़णवीस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख अजित पवार, राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल और प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे भी मौजूद रहे।
शिंदे के प्रस्ताव को लेकर बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता के हवाले से कहा गया कि एकनाथ शिंदे ने बीजेपी नेतृत्व को छह महीने के लिए मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव दिया था। उन्होंने कहा कि अगर पूरे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री का पद देना संभव नहीं है तो शुरुआती छह महीने के लिए यह पद दिया जाना चाहिए। इस पर बीजेपी ने कहा कि इससे गलत मिसाल कायम होगी। यह एक गलत निर्णय होगा और इसका प्रशासन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। बीजेपी नेतृत्व ने कहा कि छह महीने के लिए मुख्यमंत्री नियुक्त करने की कोई व्यवस्था नहीं है।
बताया जा रहा है, कि एकनाथ शिंदे को बीजेपी अध्यक्ष की जगह खुद को रखने के लिए कहा गया था। इसके बाद बीजेपी नेतृत्व ने कहा कि अगर आपको स्पष्ट बहुमत मिलता तो क्या आप सीएम पद से इस्तीफा दे देते? बीजेपी का ये जवाब सुनकर एकनाथ शिंदे अवाक रह गए।