लघु वनोपज प्रसंस्करण केंद्र में अंधेरगर्दी : लेब सहायक को बना दिया है साइंटिस्ट


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स्टोरी हाइलाइट्स

सेवा नियमों और पारदर्शिता की धज्जियाँ उड़ाकर अवैध नियुक्तियां..!!

भोपाल: लघु वनोपज संघ के अंतर्गत संचालित  लघु वनोपज प्रसंस्करण केंद्र, बरखेड़ा पठानी में अंधेरगर्दी का नया उदाहरण सामने आया है। एमएफपी पार्क की सीईओ लैब सहायक को साइंटिस्ट का प्रभार देकर उससे दवाइयां की गुणवत्ता की जांच कराई जा रही है। यही वजह है कि एमएफपी पार्क की अधिकांश औषधीय गुणवत्ता में फेल होती जा रही है।

लघु वनोपज प्रसंस्करण केंद्र में साइंटिस्ट है पर उससे लेब सहायक द्वारा किए गए टेस्ट रिपोर्ट पर जबरन हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया जा रहा है। सीईओ द्वारा साइंटिस्ट पर लगातार मानसिक दबाव बनाने जाने के चलते उसने फेडरेसन के एमडी को पत्र लिखकर मुख्यालय अटैच करने का आग्रह किया है। सीईओ की मनमर्जी की वजह से कर्मचारियों में असंतोष भी पनप रहा है। 

सूत्र ने यह भी बताया है कि लघु वनोपज प्रसंस्करण केंद्र के लिए अब तक जितनी भी नियुक्तियां हुई है, वह सभी संविधान, सेवा नियमों और पारदर्शिता की धज्जियां उड़ाकर की गई हैं। इस मामले में संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 16 (सरकारी नौकरियों में समान अवसर) का सीधा उल्लंघन हुआ है। बिना किसी विज्ञापन या प्रतिस्पर्धी परीक्षा के सिफारिशी और प्रभावशाली लोगों को नौकरियाँ दी गईं, जबकि योग्य बेरोजगार युवा दर-दर भटक रहे हैं।

कैसे हुआ यह भर्ती घोटाला?

विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, लघु वनोपज संघ और प्रसंस्करण केंद्र में कर्मचारियों की भर्ती के लिए न तो कोई विज्ञापन जारी किया गया, न ही कोई पारदर्शी चयन प्रक्रिया अपनाई गई। आरक्षण नियमों और भर्ती प्रक्रिया को दरकिनार कर कुछ विशेष व्यक्तियों को सीधे नियुक्त कर दिया गया। यहाँ तक कि संचालक मंडल से भी अनुमोदन नहीं लिया गया। 

इस पूरे भ्रष्टाचार को वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत से अंजाम दिया गया, जिन्होंने अपने पद और प्रभाव का दुरुपयोग कर मनचाहे व्यक्तियों को सरकारी नौकरी दिलाई। यह न केवल संविधान विरोधी है, बल्कि कानूनी रूप से अपराध की श्रेणी में आता है। यह घोटाला भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत धारा 166: लोक सेवक द्वारा विधि का उल्लंघन, धारा 409 विश्वासघात एवं सरकारी संपत्ति का दुरुपयोग और धारा 120B: आपराधिक षड्यंत्र के अंतर्गत कई गंभीर अपराधों के दायरे में आता है।

इन पदों पर हुई नियुक्तियों पर उठते सवाल..

लघु वनोपज प्रसंस्करण केंद्र, बरखेड़ा पठानी में बिना विज्ञापन और बिना पारदर्शी चयन प्रक्रिया को दरकिनार करते हुए नेताओं और अफसर के सिफारिश पर एक दर्जन से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों को नियुक्त कर दिया गया। यहां तक कि उनकी योग्यता को भी नजरअंदाज किया गया। इनके खिलाफ अब एमडी कार्रवाई करने से हिचकिचा रहे हैं। 

कर्मचारी संगठनों ने संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों पर आपराधिक कार्रवाई हो। भुगतान करने वाले एकाउंट ऑफिसर एवं आहरण और संवितरण अधिकारियों को बर्खास्त कर अब तक किए गए अवैध वेतन भुगतान की वसूली हो। भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) के तहत समस्त दस्तावेजों की जांच की जाए और दोषियों को दंडित किया जाए। किन अधिकारियों की नियुक्ति पर सवाल उठ रहे हैं उनके प्रमुख नाम-

* डॉ. विजय सिंह मैन्युफैक्चरिंग कैमिस्ट

* डॉ. संजय शर्मा क्वालिटी कंट्रोल कैमिस्ट

* विजयता श्रीवास्तव लैब सहायक (रसायन)

* विजय सिंह राजपूत लैब सहायक (वनस्पति)

* राकेश नागेश्वर प्रशिक्षण समन्वयक

* संजीव दुबे हर्बेरियम व म्यूजियम प्रभारी

* गोपाल मिश्रा स्टोर लिपिक

* दीवाकर सिंह डाटा एंट्री ऑपरेटर

* किरण हरोड़े डाटा एंट्री ऑपरेटर

* केदार सिंह पवार सहायक ग्रेड-3