अधिक फंडिंग, बिजनेस ग्रोथ और टैक्स में मिलने वाली रियायत के लालच में बहुत सारे भारतीय स्टार्टअप्स ने अमरीका, सिंगापुर जैसे देशों में अपना बेस सेटअप कर लिया था, लेकिन अब एक-एक करके दर्जनों स्टार्टअप घर वापसी की तैयारी में जुट गए हैं। हालांकि, विदेश से दोबारा भारत शिफ्ट होने की प्रक्रिया काफी लंबी, जटिल और महंगी है, इसके बावजूद पाइन लैब्स, ग्रो, मीशो, रेजरपे, जेप्टो, उड़ान जैसे दर्जनों स्टार्टअप स्वदेश लौटने को बेताब हैं। रेजरपे की तैयारी सबसे एडवांस्ड स्टेज में है।
वेंचर कैपिटल फर्म्स व विशेषज्ञों का कहना है कि दोबारा अपना बेस भारत में शिफ्ट करना आसान नहीं है। रिवर्स फ्लिप (घर वापसी) के लिए इन कंपनियों को अमरीका जैसे देशों में भारी टैक्स चुकाना होगा। साथ ही इस प्रक्रिया में 9 से 36 महीने तक का समय लग सकता है। क्योंकि कंपनियों को अपने समूह की रीस्ट्रक्चरिंग के साथ टैक्स, रेगुलेटरी अप्रूवल, कंप्लायंस जैसे कई मुद्दे सुलझाने होंगे, उसके बाद ही भारत वापसी संभव है। ग्रो पिछले एक साल से भारत शिफ्ट करने की कोशिश में है, लेकिन अब तक सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है।
ग्रो कंपनी ने अमरीकी यूनिट से भारतीय एंटिटि में अपने शेयरहोल्डिंग को ट्रांसफर करने का काम पूरा कर लिया है। टैक्स कंप्यूटेशन (टैक्स की गणना) का काम अभी बाकी। करोड़ से अधिक के टैक्स का भुगतान किया है। सिंगापुर कोर्ट ने पाइन लैब्स को खुद को अपनी भारतीय यूनिट में मर्ज करने की मंजूरी मिल गई है। कंपनी तेजी से आगे की प्रक्रिया पूरी करने में जुटी।