अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित 'राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार' समारोह में पहुंचे। 8 अक्टूबर को उन्हें दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें इस सम्मान से नवाज़ा। समारोह में शामिल होने पहुंचे मिथुन ने अपनी खुशी जाहिर की साथ ही उन्होंने संघर्षरत युवाओं को संदेश भी दिया।
मिथुन चक्रवर्ती को दादा साहेब फाल्के अवार्ड से नबाज़े जाने के पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी पोस्ट शेयर करके बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'मैं अभी भी खुमार में हूं, इतनी बड़ी इज्ज़त। भगवान का शुक्र है। मुझे जो भी कठिनाइयाँ सहनी पड़ीं, ऐसा लगता है कि भगवान ने मुझे सूद समेत चुका दिया।
जब मिथनु से पूछा गया कि आपने अब तक सिनेमा में क्या बदलाव देखा है? आज की पीढ़ी से क्या अपेक्षाएं हैं? इस पर उन्होंने कहा, 'हर कोई सपना देखता है। ऐसे कई प्रतिभाशाली बच्चे हैं जो आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं। मैं उनसे कहूंगा कि हार मत मानो, सपने देखना बंद मत करो।
जब एक्टर से पूछा गया, 'आप डिस्को डांसर के तौर पर मशहूर हुए। आप क्या कहेंगे ?' एक्टर ने कहा, 'पहले ये फिल्म फ्लॉप हो गई क्योंकि लोगों को कुछ समझ नहीं आया। लेकिन, जब लोगों ने इसे समझा और अपनाना शुरू किया तो यह आज तक जारी है। लोग नकल कर रहे हैं और बना रहे हैं। विदेश में तो बात ही अलग है।
मिथुन चक्रवर्ती ने इस दौरान बताया कि फिल्म इंडस्ट्री में त्वचा के रंग की वजह से उन्हें कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा, “मुझसे कहा गया था ‘फिल्म इंडस्ट्री में काला रंग नहीं चलेगा’। जितना अपमान हो सकता था, हुआ।” हालांकि तमाम मुश्किलातों के बावजूद मिथुन ने फिल्म इंडस्ट्री में अपनी खास जगह बनाई। उन्होंने अपने डांस को अपनी ताकत बनाया।
मिथुन चक्रवर्ती ने कहा, “फिर मैंने फैसला किया कि मैं डांस करूंगा। मैं चाहता था कि लोग मेरे पैरों को देखें ना कि मेरे चेहरे को या मेरी त्वचा के रंग को। सब फिल्मों में पैरों से डांस किया और लोग मेरे रंग को भूल गए।” इस मौके पर उन्होंने नए टैलेंट को संदेश दिया और अपने उस यकीन को भी बयां किया जिसके ज़रिए उन्होंने इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाई। उन्होंने कहा, “अगर ये मैं कर सकता हूं तो कोई भी कर सकता है।”
इसी दौरान एक्टर से पूछा गया कि जब कुछ समय पहले आपको पद्म भूषण से सम्मानित किया गया तो आपको कैसा महसूस हुआ था? मिथुन ने कहा, 'तब मैंने सोचा कि सबको मिल रहा है, मुझे क्यों नहीं मिल रहा है? यहां तक कि छोटे बच्चों को भी यह मिलता है, तो मुझे क्यों नहीं? उन्होंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया।
आपको बता दें कि 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों का आयोजन किया गया और समारोह में विजेताओं को साल 2022 के लिए ये पुरस्कार दिए गए।