MP हाईकोर्ट का फैसला, पटौदी रियासत की 15000 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करेगी मोहन सरकार


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स्टोरी हाइलाइट्स

परिवार के पास आदेश को खंडपीठ में चुनौती देने का विकल्प है, पटौदी परिवार की संपत्ति भोपाल में कोहेफिजा से लेकर चिकलोद तक फैली हुई है..!!

बॉलीवुड अभिनेता और मंसूर अली खान की पटौदी एस्टेट के इकलौते वारिस सैफ अली खान को बड़ा झटका लगने वाला है। भोपाल में मोहन सरकार उनकी 15,000 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर सकती है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने पटौदी एस्टेट के 15,000 करोड़ रुपये के संपत्ति विवाद पर स्थगन आदेश हटा दिया है। 

ऐसे में सैफ अली खान के परिवार की संपत्ति शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत सरकारी कब्जे में आ सकती है। स्थगन हटने के बाद सरकार जल्द ही इन संपत्तियों पर नियंत्रण लेने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है। इससे पहले 13 दिसंबर 2024 को फैसला सुनाते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक अग्रवाल ने सैफ अली खान का दावा खारिज कर दिया था। 

HC का एक फैसला और सरकार जब्त कर सकती है सैफ अली खान की 15000 करोड़ की  संपत्ति!

इसके बाद सरकार को पटौदी परिवार की संपत्ति अधिग्रहित करने का अधिकार दे दिया गया। आदेश में कहा गया है कि सैफ अली खान और उनका परिवार इस मामले को अपीलीय न्यायाधिकरण में 30 दिनों के भीतर चुनौती दे सकता है। 

यह 30 दिवसीय अवधि 13 जनवरी 2025 को समाप्त हो रही थी। लेकिन सैफ अली खान ने हाईकोर्ट के इस आदेश को चुनौती नहीं दी। इसलिए, सरकार को फिलहाल इस संपत्ति का अधिग्रहण करने की स्वतंत्रता है।

हाई कोर्ट ने पटौदी परिवार को अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष अपना मामला पेश करने के लिए समय दिया। लेकिन पटौदी परिवार ने तय समय में अपना पक्ष नहीं रखा। अब परिवार के पास आदेश को खंडपीठ में चुनौती देने का विकल्प है।

आपको बता दें कि पटौदी परिवार की संपत्ति भोपाल के कोहेफिजा से लेकर चिकलोद तक फैली हुई है, जिसमें 100 एकड़ जमीन शामिल है। वर्तमान में यहां डेढ़ लाख लोग रहते हैं। 2015 में पटौदी परिवार ने इन संपत्तियों पर अपने अधिकार के लिए याचिका दायर की थी। 

परिणामस्वरूप, उच्च न्यायालय ने इस पर स्थगन आदेश जारी कर दिया। संपत्ति विवाद नवाब हमीदुल्ला खान की मृत्यु के बाद शुरू हुआ। उनकी तीन बेटियाँ थीं। उनकी सबसे छोटी बेटी साजिदा सुल्तान सैफ अली खान की दादी थीं। यह विवाद साजिदा सुल्तान की मौत के बाद शुरू हुआ।

नवाब हमीदुल्ला खान की सबसे बड़ी बेटी आबिदा सुल्तान को भोपाल की इस ऐतिहासिक संपत्ति का असली उत्तराधिकारी माना जाता था। लेकिन वह भोपाल छोड़कर पाकिस्तान चली गईं। इस कारण यह संपत्ति शत्रु संपत्ति की श्रेणी में आ गई।