श्रीराम मंदिर बनने से नहीं रोक पाए तो अब विघ्न डालने के रच रहे षड्यंत्र


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स्टोरी हाइलाइट्स

राममंदिर की मूर्ति को लेकर दिए बयान पर दिग्विजय को बीजेपी की खरी-खरी..!

अयोध्या राम मंदिर को लेकर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर से सवाल उठाए हैं उनका कहना है कि, "...जिन रामलला की मूर्ति को लेकर पूरा झगड़ा हुआ, उनकी मूर्ति कहां है? वह मूर्ति क्यों नहीं लगाई गई? नई मूर्ति की क्या जरूरत थी।"

पूर्व सीएम के इस सवाल के पूछे जाने के बाद अब इस लेकर विवाद शुरू हो गया है। अब इसे लेकर बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने उनको खरी-खरी सुनाई हैं, उनका कहना है, कि राम द्रोही दिग्विजय सिंह का नया पैंतरा देखिए... श्रीराम के अस्तित्व को नकारने वाली कांग्रेस के ये प्रतिनिधि जब श्रीराम मंदिर बनने से नहीं रोक पाए तो अब येन-केन-प्रकारेण विघ्न कैसे डाला जाए इसके लिए षड्यंत्र रच रहे हैं।

आशीष अग्रवाल ने आगे लिखा कि ठीक उसी तरह जैसे त्रेता में संत महात्माओं के यज्ञ आदि पुण्य कार्यों में विघ्न डालने के लिए राक्षस कुंड में हड्डियां डाल जाते थे... दिग्विजय सिंह इसी फिराक में रहते हैं कि श्रीराम मंदिर के निर्माण में अड़चन कैसे डाली जाए... अरे दिग्विजय जी, अपनी विघ्नकारी बुद्धि लगाने से पहले मंदिर समिति की योजना तो पता कर लेते।

बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल का कहना है, कि मंदिर समिति ने योजना बनाई है कि श्रीराम मंदिर के गर्भगृह में नवीन तथा पुरानी दोनों मूर्तियां विराजमान होंगी। नवीन मूर्ति को अचल स्वरूप में 'स्थिर मूर्ति' तथा पुरानी को चल स्वरूप में 'उत्सव मूर्ति' के रूप में विराजमान किया जाएगा। 
इसलिए अपनी दिमागी गंध फैलाने से बेहतर है कि राम-नाम जपिए, अभी 18 दिन शेष हैं, हो सकता है नामजप से पाप कम हो जाए... दिग्गी राजा ध्यान रखिए, ये मंदिर करोड़ों देशवासियों की वर्षों की प्रार्थना से जीवंत हो रहा है। इसके लिए रामभक्तों ने तन-मन-प्राण लगाए हैं। आपके कोसने से ये रूकने वाला नहीं...

आपको बता दें, कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बुधवार को कहा था, कि ''...रामलला की वह मूर्ति कहां है जिस पर पूरा झगड़ा हुआ?'' वह प्रतिमा क्यों नहीं स्थापित की गई? नई मूर्ति की क्या जरूरत थी? पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अयोध्या में बन रहे भव्य श्रीराम मंदिर को लेकर नया विवाद खड़ा कर दिया। 
वहीं अयोध्या में रामलला मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के निमंत्रण को लेकर दिग्विजय ने कहा, ''मुझे किसी निमंत्रण की जरूरत नहीं है।'' राम लला मेरे हृदय में विराजमान हैं। अपने द्वारा दिए गए दान के बारे में उन्होंने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री को दान भेज दिया है, उन्होंने कहा कि इस दान को ट्रस्ट को भेज दो, मैंने इसे ट्रस्ट को भेज दिया है।