भोपाल: राज्य शासन ने 13 जनवरी 2011 से 26 जनवरी 2013 तक कर्तव्य स्थल से गायब भारतीय वन सेवा के एमपी कैडर के वर्ष 1994 बैच के अधिकारी वीएस होतगी को उनकी सभी वेतवृध्दियां स्थगित करने से दण्डित किया गया है।
दरअसल होतगी 3 अगस्त 2009 से 10 फरवरी 2011 तक भिण्ड सामान्य वनमंडल के डीएफओ थे। उन्हें 28 दिसम्बर 2010 को अनुदेशक रेंजर्स कॉलेज बालाघाट पदस्थ किया गया था परन्तु उन्होंने रिलीव होने के बाद भी ज्वाईनिंग नहीं दी। उन्हें 21 फरवरी 2012 को इस अनियमितता पर आरोप-पत्र जारी किया गया परन्तु उन्होंने कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया।
20 मई 2019 को उनके खिलाफ विभागीय जांच बैठाई गई। 22 सितम्बर 2022 को विभागीय जांच की रिपोर्ट मिली जिसमें उन्हें 754 दिनों तक कत्र्तव्य से अनुपस्थित होने का दोषी पाया गया। 22 अक्टूबर 2022 को होतगी को बचाव उत्तर देने का नोटिस दिया गया जिस पर उन्होंने 24 नवम्बर 2020 को बचाव उत्तर दिया लेकिन उनका जवाब अमान्य किया गया और उन्हें अनुपस्थिति की अवधि को अकार्य दिवस मानते हुये उन्हें एक वेतवृध्दि असंचयी प्रभाव से रोकने के दण्ड से दण्डित किया गया और प्रकरण संघ लोक सेवा आयेग को भेजा गया। आयोग ने भी 4 मार्च 2024 को होतगी को दोषी पाते हुये उन्हें सभी वेतनवृध्दियों से वंचित करने का दण्ड दिया गया।
इस दण्ड के बारे में उत्तर देने के लिये होतगी को पत्र भेजा गया परन्तु उन्होंने यह पत्र प्राप्त नहीं किया जिस पर उनके कार्यालयीन कक्ष की टेबल पर इसे चस्पा किया गया। इसके बाद भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया जिस पर अब राज्य शासन ने एकपक्षीय निर्णय लेकर उन्हें इस टिप्पणी के साथ दण्डित किया है कि 30 अक्टूबर 2024 तक होतगी को वेतन के समयमान में निचले स्तर के दो चरणों तक की कटौति की शास्ति और आगे इस निर्देश के साथ अधिरोपित की जाये कि वह कटौति की अवधि के दौरान वेतन वृध्दियां अर्जित नहीं करेंगे और उक्त अवधि की समाप्ति पर, इस कटौति का प्रभाव उनकी भावी वेतनवृध्दि को स्थगित करने पर पड़ेगा।