सफेद शेरों के लिए दुनिया भर में मशहूर मध्य प्रदेश के रीवा में सफेद बाघों का कुनबा जिस स्थान पर पला-बढ़ा, अब वही पर ब्रीडिंग सेंटर बनाया जाएगा।मध्य प्रदेश के रीवा स्थित गोविंदगढ़ में सफेद बाघ प्रजनन केंद्र बनाया जाएगा। भोपाल 15 साल पुरानी इस परियोजना को केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने मंजूरी दे दी है।
मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया और कहा कि "सरकार मध्य प्रदेश को वन्यजीव संरक्षण के लिए एक आदर्श राज्य बनाने का प्रयास कर रही है। केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने रीवा में प्रस्तावित सफेद बाघ प्रजनन केंद्र को मंजूरी दे दी है। रीवा में प्रस्तावित सफेद बाघ प्रजनन केन्द्र के लिए केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की मंजूरी मिलना, इस दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह केन्द्र गोविंदगढ़ के खंडों पहाड़ पर बनाया जाएगा।"
प्रदेश का गोविंदगढ़ सफेद बाघों के प्रजनन का ऐतिहासिक स्थल रहा है। अब प्राधिकरण से मंजूरी मिलने के बाद इसे प्रजनन केंद्र के रूप में स्थापित किया जाएगा। प्रथम सफेद बाघ 1951 में महाराजा मार्तण्ड सिंह जूदेव द्वारा पाला गया था। दुनिया भर में सफेद बाघों को गोविंदगढ़ से उत्पन्न बाघों का वंशज माना जाता है।
अब यह केंद्र एक प्रमुख प्रजनन केंद्र और संरक्षण केंद्र बनने जा रहा है। इसकी स्थापना का प्रस्ताव लगभग 15 वर्ष पहले तैयार किया गया था। बाद में मुकुंदपुर में सफेद बाघ सफारी और चिड़ियाघर का निर्माण किया गया, लेकिन प्रजनन केंद्र का प्रस्ताव तब से अटका पड़ा था।
अब केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने इसे मंजूरी दे दी है। अब यहां सफेद बाघों के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी और उनके लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया जाएगा। वन्यजीव विशेषज्ञ और सेवानिवृत्त आईएफएस अधिकारी सुदेश बाघमारे इसे एक महत्वपूर्ण निर्णय मानते हैं। वे कहते हैं, "इस नए प्रजनन केंद्र से प्राकृतिक वातावरण में सफेद बाघों की संख्या में वृद्धि होगी और इसलिए वे अब चिड़ियाघरों तक ही सीमित नहीं रहेंगे।"
ऐसा माना जाता है कि दुनिया भर में देखे जाने वाले सभी सफेद बाघ मोहन के वंशज हैं, जिनका जन्म रीवा में हुआ था। महाराज मार्तण्ड सिंह ने 1951 में सिद्धि के बरगाड़ी जंगल में शिकार करते समय उन्हें पकड़ लिया था। उन्होंने मोहन के लिए एक बाघ महल बनवाया और वहां बाघों का पालन-पोषण किया। इससे 34 सफेद बाघों का जन्म हुआ। इन बाघों को इंग्लैंड, अमेरिका और अन्य यूरोपीय देशों में भेजा गया।