MSP for wheat: मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने शनिवार को गेहूं खरीद के लिए सरकारी नीति जारी की। इस दौरान सरकार ने कहा कि 15 मार्च से 5 मई तक समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद की जाएगी। किसानों को अपना अनाज बेचने के लिए ऑनलाइन स्लॉट बुक करना होगा। यह सुविधा www.meuparjan.nic.in पर उपलब्ध होगी। वहीं, मध्य प्रदेश के इंदौर, उज्जैन, भोपाल और नर्मदापुरम संभागों से गेहूं की खरीद 15 मार्च से शुरू होगी, जबकि शेष सभी संभागों से गेहूं की खरीद 17 मार्च से शुरू होगी।
इसके साथ ही सरकार ने गेहूं के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य और बोनस की भी घोषणा की। इसके अनुसार इस बार गेहूं 2600 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर खरीदा जाएगा। इसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपये है तथा राज्य सरकार द्वारा 175 रुपये प्रति क्विंटल बोनस दिया जाएगा।
यानि इस बार किसानों को सरकार की ओर से 2600 रुपए प्रति क्विंटल का भुगतान किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इससे पहले 2023-24 में गेहूं की खरीद ₹2150/क्विंटल की दर से की गई थी। इस प्रकार, इस वर्ष कीमत पिछले वर्ष की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक होगी।
सीएम यादव ने एक्स पर पोस्ट शेयर करके ये जानकारी दी..
सीएम ने अपनी पोस्ट में लिखा कि हम किसानों को बिचौलियों से बचाना चाहते हैं। 2023-24 में गेहूं ₹2150/क्विंटल खरीदा गया, जिसे हमने सिर्फ डेढ़ साल में बढ़ाकर ₹2600/क्विंटल कर दिया है।
मध्य प्रदेश अब उच्च गुणवत्ता वाले गेहूं उत्पादन के लिए जाना जाता है। मध्य प्रदेश में किसान तेजी से वैज्ञानिक खेती अपना रहे हैं। देश में सबसे उच्च गुणवत्ता वाला गेहूँ यहीं पैदा होता है। इस गेहूं के स्वाद और गुणवत्ता के कारण मध्य प्रदेश के शरबती गेहूं की मांग महानगरों में सबसे अधिक है। इस किस्म के गेहूं की कीमत भी सबसे अधिक है। मुंबई, पुणे, अहमदाबाद और हैदराबाद जैसे महानगरों के थोक और खुदरा बाजारों में इसे गोल्डन या प्रीमियम गेहूं के नाम से जाना जाता है। वहीं, उत्तर भारत के शहरों और दिल्ली की मंडी में इसे एमपी गेहूं के नाम से भी जाना जाता है।