मध्य प्रदेश के नीमच से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां सिंगोली थाना पुलिस सोमवार को मादक पदार्थ तस्करी के एक मामले की जांच करने चोकड़ी गांव पहुंची थी। इस दौरान ग्रामीणों ने जेसीबी लगाकर पुलिस वाहन को घेर लिया और पुलिसवालों को बंधक बना लिया।
ग्रामीणों ने पुलिसवालों को करीब सात घंटे तक बंधक बनाए रखा। इसके बाद इन पुलिस वालों को बचाने पहुंची अतिरिक्त पुलिस फोर्स ने जवाबी कार्रवाई की। इस दौरान पुलिस टीम को गांव वालों के चंगुल से छुड़ाने के लिए फोर्स ने लाठीचार्ज किया, आंसू गैस के गोले दागे। इसके बाद किसी तरह से पुलिसकर्मियों को ग्रामीणों के चंगुल से छुड़ाया जा सका।
एएसपी नवल सिंह सिसोदिया ने बताया, "वाहनों को हटाने के दौरान ग्रामीणों ने हाथापाई की और कानून व्यवस्था को बाधित करने की कोशिश की। ग्रामीणों ने पथराव किया। इस दौरान पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए करीब 10-12 राउंड आंसू गैस के गोले दागे। कुछ ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव करने का प्रयास किया।" पथराव में घायल हुए पुलिसवालों का इलाज कराया जा रहा है। कानून व्यवस्था बिगाड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस के अनुसार सिंगौली थाना पुलिस ने सोमवार को 54.300 किलोग्राम अवैध मादक पदार्थ डोडाचूरा की तस्करी के मामले में चौकड़ी गांव के नीलेश धाकड़ को गिरफ्तार किया। इस मामले में आगे की कार्रवाई के लिए पुलिस टीम 3 वाहनों के साथ आरोपी के गांव पहुंची। इस बीच, लौटते समय ग्रामीणों ने दो पुलिस वाहनों को घेर लिया।
उसी समय कुछ पुलिसकर्मी पुलिस वाहन में सवार होकर वहां से चले गए थे। इसी दौरान दो पुलिस वाहनों को गांव वालों ने घेर लिया। इसके बाद साथी पुलिसकर्मी पुलिस बल के साथ वहां पहुंचे और पुलिसकर्मियों तथा दोनों पुलिस वाहनों को हटाने का प्रयास किया तो लोगों ने विरोध किया और पुलिस पर पथराव कर दिया।
इस पूरे मामले में ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए युवक के पास 30 किलो अवैध मादक पदार्थ था, लेकिन पुलिस ने इसकी मात्रा बढ़ाकर 54 किलो कर दी। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस उन्हें झूठे मामले में फंसा रही है और मादक पदार्थ तस्करी के नाम पर अवैध रूप से धन उगाही कर रही है।
ग्रामीणों ने दोनों पुलिस वाहनों के सामने जेसीबी खड़ा कर दिया। इन पुलिस वाहनों में 10 से 12 पुलिसकर्मी बैठे थे। ग्रामीणों ने पुलिस कर्मियों को वाहनों में रोके रखा। प्रदर्शन में ग्रामीणों के साथ महिलाएं भी शामिल थीं।