MP में गिद्ध संरक्षण को नई दिशा, भोपाल के हलाली डैम क्षेत्र में छोड़े गए 6 कैप्टिव ब्रीड गिद्ध


Image Credit : X

स्टोरी हाइलाइट्स

मध्य प्रदेश में गिद्धों की संख्या बढ़ाने के लिए एक विशेष पहल की गई है, गिद्ध संरक्षण के लिए भोपाल से 6 बंदी प्रजनन गिद्धों को हलाली बांध में छोड़ा गया..!

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में जिला वन विभाग ने गिद्ध संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। लुप्तप्राय गिद्ध प्रजाति को बचाने एवं संरक्षित करने के लिए गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र, केरवा भोपाल से 6 कैप्टिव ब्रीडिंग गिद्धों को हलाली डैम के वन क्षेत्र में छोड़ा गया है। 

इनमें से दो सफेद पीठ वाले गिद्ध और चार लंबी चोंच वाले गिद्ध छोड़े गए हैं। विभाग का कहना है कि इससे गिद्धों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) शुभरंजन सेन ने बताया कि सभी छोड़े गए गिद्धों को ऑर्निट्रैक-25 सौर ऊर्जा चालित जीपीएस-जीएसएम ट्रैकर से लैस किया गया है। इसकी मदद से उनके आवागमन के पैटर्न और आवास उपयोग पर नजर रखी जा रही है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी पोस्ट शेयर करके इसकी जानकारी दी है..

सेन ने बताया कि वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर इंडिया ने गिद्धों के लिए ऑर्निट्रैक-25 सौर ऊर्जा संचालित जीपीएस-जीएसएम ट्रैकर स्थापित किया है, जिसमें निदेशक टेक फॉर कंजर्वेशन जी. एरेन्ड्रेन का महत्वपूर्ण योगदान रहा। 

गिद्ध सुरक्षा और जागरूकता के लिए हलाली बांध के आसपास की बस्तियों में पर्चे वितरित किए गए हैं। इसमें आम जनता से अपील की गई है कि यदि कोई गिद्ध घायल हो या कोई नुकसान हो तो वे तुरंत वन विभाग को सूचना दें।

गिद्धों का चयन करने से पहले 8 अप्रैल को उनकी स्वास्थ्य जांच और मॉर्फोमेट्री की गई। शारीरिक परीक्षण और रक्त के नमूने की जांच से पता चला कि सभी गिद्ध स्वस्थ हैं और छोड़े जाने के लिए उपयुक्त हैं।

इसके बाद 12 अप्रैल को गिद्धों पर डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया द्वारा उपलब्ध कराए गए ऑर्निट्रैक-25 जीपीएस जीएसएम ट्रैकर लगाए गए। इससे गिद्धों की गतिविधियों और उनके आवास उपयोग पर नजर रखने में मदद मिलेगी।

गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केन्द्र, केरवा की स्थापना 2014 में की गई थी। यह बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी, मुंबई के सहयोग से संचालित किया जाता है। इन 6 गिद्धों को उनके पर्यावास में छोड़े जाने के बाद, वर्तमान में गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र में 34 सफेद पीठ वाले गिद्ध और 46 लंबी चोंच वाले गिद्ध उपलब्ध हैं।