मातृ मृत्यु दर रोकने के लिए MP में नई पहल, गर्भवतियों के लिए अब बर्थ वेटिंग रूम


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स्टोरी हाइलाइट्स

1 हफ्ते पहले से रुक सकेंगी, 3 आदिवासी जिलों में पायलट प्रोजेक्ट, रोज 100 रु. का अनुदान भी..!!

मध्य प्रदेश सरकार ने मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए नई पहल शुरू की है। इस पहल के तहत गर्भवती महिलाओं के लिए प्रसूति प्रतीक्षा कक्ष की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। यह सुविधा आदिवासी बहुल जिलों में पायलट परियोजना के रूप में शुरू की गई है।

मध्य प्रदेश सरकार ने मातृ स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए गर्भवती महिलाओं के लिए बड़ा कदम उठाया है। आपको बता दें कि गर्भवती महिलाओं के लिए प्रसव प्रतीक्षा कक्ष शुरू किया गया है। इस सुविधा के तहत गर्भवती महिलाएं प्रसव से एक सप्ताह पहले तक अस्पताल में रह सकेंगी। इससे प्रसव के दौरान जटिलताओं से बचा जा सकेगा। यह सुविधा विशेष रूप से आदिवासी बहुल जिलों में शुरू की गई है, जहां स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है।

आपको बता दें कि प्रदेश के 47 जिलों के 71 सिविल अस्पतालों और 249 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसूति प्रतीक्षालय शुरू किए जाएंगे। इसे तीन आदिवासी बहुल जिलों झाबुआ, अलीराजपुर और बड़वानी में पायलट परियोजना के रूप में शुरू किया गया है। महिलाओं को एक सप्ताह पहले अस्पताल में भर्ती होने की सुविधा दी जाएगी तथा प्रतिदिन 100 रुपये की आर्थिक सहायता भी दी जाएगी। सुमन हेल्प डेस्क और आशा कार्यकर्ताओं द्वारा नियमित स्वास्थ्य जांच की जाएगी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अधिकारियों का कहना है कि तीन जिलों में इसकी सफलता के बाद इसे अन्य जिलों में भी लागू करने की योजना है।

यहां न केवल गर्भवती महिलाओं के पोषण का ध्यान रखा जाएगा, बल्कि सुमन हेल्प डेस्क और आशा द्वारा नियमित जांच भी की जाएगी। इसके अलावा यहां रहने के लिए प्रतिदिन 100 रुपये की आर्थिक सहायता भी दी जाएगी।

दरअसल, मध्य प्रदेश में मातृ मृत्यु दर अभी भी 173 प्रति लाख है, जो राष्ट्रीय औसत 97 से काफी अधिक है। इसे कम करने के लिए, 7 राज्यों के मॉडलों का विश्लेषण किया गया। इसी आधार पर नई नीति तैयार की जा रही है।