नये नियम जारी : अब बोरवेल, ट्यूबवेल व खुदाई हेतु आनलाईन स्वीकृति लेनी होगी


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स्टोरी हाइलाइट्स

नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने एवं कारावास दोनों की सजा मिलेगी..!

भोपाल। राज्य सरकार के पीएचई विभाग ने 16 अगस्त 2024 से पूरे प्रदेश में प्रभावशील मप्र खुले नलकूप में इंसानों के गिरने से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम एवं सुरक्षा अधिनियम 2024 के क्रियान्वयन हेतु नये नियम जारी कर दिये हैं। 

इसके तहत अब शासकीय या अर्धशासकीय एजेंसी को बोरवेल, ट्यूबवेल व खुदाई हेतु आनलाईन स्वीकृति लेनी होगी तथा और ऐसे खोदे गये गढ्ढों से कोई दुर्घटना न हो, इसके सुरक्षात्मक उपाय करने होंगे। यदि असफल नलकूप बंद नहीं किये गये हैं, तो प्रथम अपराध के लिये दस हजार रुपये एवं पश्चातवर्ती अपराध हेतु 25 हजार रुपये जुर्माना लगाया जायेगा। 

यदि असफल नलकूप बंद न करने से कोई दुर्घटना या मृत्यु हो जाती है तो भारतीय न्याय संहिता के तहत 2 से 10 वर्ष तक की सजा एवं अर्थदण्ड लगाया जा सकेगा। यही नहीं, खुले नलकूप से दुर्घटना के दौरान किसी व्यक्ति के बचाव में होने वाले व्यय की भी वसूली भी भूराजस्व बकाया तौर पर की जायेगी। 

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने खुले या अपूरित ट्यूबवेल या बोरवेल में बच्चों के गिरने की जानलेवा दुर्घटनाओं को रोकने हेतु 11 फरवरी 2010 एवं 6 अगस्त 2010 में निर्णय दिया था कि ऐसी दुर्घटनाओं को विधि बनाकर रोका जाना चाहिये। इसी के पालन में अब 15 साल बाद अधिनियम एवं नियम बनाये गये हैं।