अब जैव विविधता से मिले लाभ का 95 प्रतिशत समितियों को दिया जायेगा


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स्टोरी हाइलाइट्स

जैव विधिता बोर्ड के पास तीन स्तरों से राशि जमा होती है..!!

भोपाल: प्रदेश में जैव विविधता से मिलने वाले लाभ का 95 प्रतिशत अब जैव विविधता प्रबंधन समितियों को दिया जायेगा। शेष 5 प्रतिशत राशि प्रशासनिक व्यय हेतु रखी जायेगी। इसके लिये राज्य शासन द्वारा नये दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। ज्ञातव्य है कि राज्य में ग्रामीण क्षेत्र में 23 हजार 179 तथा नगरीय क्षेत्रों में 378, इस प्रकार कुल 23 हजार 557 प्रबंधन समितियां हैं तथा इनका पंजीकरण वन विभाग के अंतर्गत कार्यरत जैव विविधता बोर्ड में है।

उल्लेखनीय है कि जैव विधिता बोर्ड के पास तीन स्तरों से राशि जमा होती है। पहली, जंगलों की जैव विविधता का वाणिज्यिक उपयोग करने के लिये व्यापारी को एक हजार रुपये आवेदन पत्र के साथ जमा करना होता है। 

जैव विविधता की खरीदी पर व्यापारी को इसके क्रय मूल्य के 1 से 3 प्रतिशत राशि के बराबर बौर्ड के पास जमा करना होती है जबकि व्यापारी ने जिस विनिर्माता को यह जैव विविधता बेची है उस विनिर्माता को भी इसके खरीदी मूल्य के 3 से 5 प्रतिशत के बराबर राशि बोर्ड में जमा करना होती है। जो व्यापारी बिना पंजीयन कराये जैव विविधता संग्रहित करता है, तो बोर्ड उससे एक लाख रुपये तक का अर्थदण्ड वसूलता है। पिछले साल बोर्ड को 57 लाख 64 हजार रुपये की राशि प्राप्त हुई थी।