भोपाल: मप्र के जंगलों में वन्यजीवों के प्रबंधन हेतु अब आगामी 25 वर्षों की योजना तैयार होगी। इसके लिये राज्य शासन ने वन विभाग को निर्देश जारी किये हैं। उल्लेखनीय है कि इससे पहले वन विभाग ने पांच वर्ष की और फिर 10 वर्ष की वन्यजीव प्रबंधन की योजना बनाई थी परन्तु अब उसे आगामी 25 वर्षों की योजना बनानी होगी।
पुरातत्व एवं घडिय़ाल पर्यटन :
राज्य सरकार ने वन विभाग से यह भी कहा है कि वह वन क्षेत्रों में स्थित पुरातत्व अधोसंरचनाओं का जीर्णोध्दार कर पर्यटन को बढ़ावा दे। इसके लिये पुरातत्व विभाग से सम्पर्क एवं समन्वय कर पुरातात्विक अधोसंरचाओं के जीर्णोध्दार के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करे। रायसेन के देवरी में स्थित ऐतिहासिक बड़ी दीवार को भी विकसित किया जाये।
राज्य शासन ने अपने निर्देश में यह भी कहा है कि मुरैना में स्थित राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्य के अंतर्गत डाल्फिन एवं घडिय़ाल आधारित पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जाये। राज्य के टायगर रिजर्वों के क्षेत्र में स्थानीय लोगों के लिये रोजगार के माध्यम से आय बढ़ाने के अवसर भी उपलब्ध कराये जायें। घायल एवं बीमार वन्यजीवों के सही उपचार हेतु वेटनरी डाक्टरों को वन्यप्राणी चिकित्सा की ट्रेनिंग दी जाये।