अब विमानन विभाग से राबिन्सन हेलीकाप्टर लेगा वन विभाग


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स्टोरी हाइलाइट्स

हेलीकाप्टर से हांका लगाया जायेगा जिससे उक्त वन्यप्राणियों को पकड़ा जायेगा और फिर उन्हें सडक़ मार्ग से कूनो में चीतों की खुराक यानि प्रे-बेस हेतु पहुंचाया जायेगा। यह कार्य आगामी फरवरी माह में किया जायेगा।

भोपाल। मध्यप्रदेश के आगर मालवा के जंगलों से सौ ब्लेक बग और सौ नील गाय जिन्हें रोजड़ा भी कहा जाता है, को चीतों के रहवास स्थल पानपूर कूनो में पहुंचाने के लिये अब वन विभाग राज्य के विमानन विभाग से राबिन्सन हेलीकाप्टर किराये पर लेगा। 

इस हेलीकाप्टर से हांका लगाया जायेगा जिससे उक्त वन्यप्राणियों को पकड़ा जायेगा और फिर उन्हें सडक़ मार्ग से कूनो में चीतों की खुराक यानि प्रे-बेस हेतु पहुंचाया जायेगा। यह कार्य आगामी फरवरी माह में किया जायेगा।

दरअसल, वन विभाग की वन्यप्राणी शाखा ने पहले हेलीकाप्टर किराये पर लेने के लिये सीधे टेण्डर जारी कर दिये थे। परन्तु यह प्रक्रिया गलत थी क्योंकि वह सीधे इसे किराये पर नहीं ले सकता है। इसलिये उसे टेण्डर निरस्त करना पड़ा। 

इसके बाद वन मुख्यालय ने प्रस्ताव मंत्रालय स्थित वन विभाग को भेजा जहां से एसीएस अशोक बर्णमाल ने विमानन विभाग को राबिन्सन हेलीकाप्टर किराये पर उपलब्ध कराने के लिये पत्र लिखा। अब विमानन विभाग विमानन कंपनियों से राबिन्सन हेलीकाप्टर की किराया दरें मंगाकर वन विभाग को उपलब्ध करायेगा तथा वन विभाग इनमें से किसी एक कंपनी का चयन कर यह हेलीकाप्टर किराये पर लेगा। यह हेलीकाप्टर करीब 50 घण्टे के लिये किराये पर लिया जायेगा।

उल्लेखनीय है कि विश्व में राबिन्सन हेलीकाप्टर का उपयोग वन्यजीवों के प्रबंधन एवं सामूहिक कैप्चर हेतु किया जाता है। रॉबिन्सन हेलीकॉप्टर कंपनी, अमेरिका की एक हेलीकॉप्टर निर्माता कंपनी है। इसमें रोल्स-रॉयस टर्बाइन इंजन का इस्तेमाल किया जाता है।