ओशो के विवादित विचार, जानिए कौन से (Osho's conflicting views)


स्टोरी हाइलाइट्स

ओशो की आलोचना विभिन्न प्रकार से की जाती है, उन पर कई आरोप भी लगे। कहा जाता है कि ओशो फ्री सेक्स का समर्थन करते थे। उनके आश्रम में हर संन्यासी एक महीने में करीब 90 लोगों के साथ सेक्स करता था। इसके अलावा यह भी माना जाता है कि ओशो ने धर्म को एक व्यापार बनाया और खुद सबसे बड़े व्यापारी बन बैठे। उन्होंने अपने जीवन में कई पुस्तकें लिखी, जिनमें से 'संभोग से लेकर समाधि तक' नामक पुस्तक ने उन्हें विवादों के चरम पर पहुंचाया। ओशो के जितने विरोधी थे उससे ज्यादा समर्थक भी थे उनके विचारों को आज भी ध्यान से सूना जाता है

ओशो की आलोचना विभिन्न प्रकार से की जाती है, उन पर कई आरोप भी लगे। कहा जाता है कि ओशो फ्री सेक्स का समर्थन करते थे। उनके आश्रम में हर संन्यासी एक महीने में करीब 90 लोगों के साथ सेक्स करता था। इसके अलावा यह भी माना जाता है कि ओशो ने धर्म को एक व्यापार बनाया और खुद सबसे बड़े व्यापारी बन बैठे। उन्होंने अपने जीवन में कई पुस्तकें लिखी, जिनमें से 'संभोग से लेकर समाधि तक' नामक पुस्तक ने उन्हें विवादों के चरम पर पहुंचाया। ओशो के जितने विरोधी थे उससे ज्यादा समर्थक भी थे उनके विचारों को आज भी ध्यान से सूना जाता है 

 

जानते हैं ओशो के विवादित विचार...जो आपकी सोच बदल सकते हैं 

Image result for osho

 

*सेक्स का दमन ना करें: ओशो

*ओशो के सेक्स संबंधी विचारों का विश्वभर के लोगों ने उनके काल में घोर विरोध किया था और आज भी करते हैं। ओशो कहते हैं कि सेक्स पहली सीढ़ी है और समाधि अंतिम। संभोग से समाधि की ओर, युवक और योनि व क्रांतिसूत्र, तंत्र सूत्र, विज्ञान भैरव तंत्र आदि कई किताबों के माध्यम से ओशो ने सेक्स, युवक, विद्रोह, प्रेम विवाह, तलाक आदि पर अपने बेबाक विचार रखे।

*वे कहते हैं कि यदि विवाह करना हो तो उसमें कई तरह की कानूनी बाधा खड़ी करो और तलाक के लिए कानून आसान बनाए। अभी इसका ठीक उल्टा है। विवाह करना आसान है लेकिन तलाक लेना कठिन।

*क्रांतिसूत्र में ओशो ने किसी भी तरह के वाद, पब्लिक ओपिनियन और दमन से मुक्ति की जोरदार वकालत की है तो दूसरी ओर ओशो अपोजिट सेक्स के बच्चों को ज्यादा से ज्यादा नग्न रखने की सलाह देते हैं, तो कहीं हर नगर में खजुराहो जैसी नग्न प्रतिमाओं के होने की वकालत करते हैं।

सेक्स संबंधी कुछ विचार:

*'संभोग से समाधि की ओर' में ओशो कहते हैं कि सेक्स का विरोध नहीं है ब्रह्मचर्य, बल्कि सेक्स का ट्रांसफॉर्मेशन है| जो सेक्स का दुश्मन है, वह कभी ब्रह्मचर्य को उपलब्ध नहीं हो सकता।

*जिस दिन इस देश में सेक्स की सहज स्वीकृति हो जाएगी, उस दिन इतनी बड़ी ऊर्जा मुक्त होगी भारत में कि हम आइंस्टीन पैदा कर सकते हैं।

*पति अपनी पत्नी के पास ऐसे जाए, जैसे कोई मंदिर के पास जाता है। पत्नी अपने पति के पास ऐसे जाए, जैसे कोई परमात्मा के पास जाता है, क्योंकि जब दो प्रेमी संभोग करते हैं, तो वास्तव में वे परमात्मा के मंदिर से ही गुजरते हैं।

*संभोग का इतना आकर्षण क्षणिक समाधि के लिए है। संभोग से आप उस दिन मुक्त होंगे जिस दिन आपको समाधि बिना संभोग के हासिल होनी शुरू हो जाएगी।

*परिवार नियोजन की बात धीरे-धीरे अनिवार्य हो जानी चाहिए। इसे किसी की स्वेच्छा पर नहीं छोड़ा जा सकता।