PM मोदी की अध्यक्षता में CCS की बैठक पाकिस्तान पर कूटनीतिक हमला, लिए गए ये बड़े फैसले


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स्टोरी हाइलाइट्स

Pahalgam Terror Attack: मोदी सरकार की कूटनीतिक स्ट्राइक, CCS की मीटिंग में केंद्र सरकार के बड़े फैसले, अटारी बॉर्डर पर चेक पोस्ट बंद, 48 घंटे में पाकिस्तानी छोड़ दें भारत, सिंधु जल संधि समझौता खत्म..!!

Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद बुधवार 23 अप्रेल की शाम प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में ढाई घंटे की सुरक्षा समीक्षा बैठक हुई। जिसमें केंद्र सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ बेहद सख्त रुख अपनाया और पाकिस्तान पर कूटनीतिक हमले किए।

पीएम मोदी की अध्यक्षता में यह बैठक शाम 6:30 बजे उनके आवास 7, लोक कल्याण मार्ग पर शुरू हुई और रात 9 बजे तक जारी रही। इस अवसर पर गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल उपस्थित रहे।

इस फैसले को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

इसका मूल्यांकन करें तो कहा जा सकता है कि हमारी सरकार ने अब तक का सबसे सख्त रुख अपनाया है। मंगलवार दोपहर को पहलगाम में हुए हमले में अब तक एक नेपाली नागरिक सहित 26 लोगों की मौत हो चुकी है। इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया और इसे देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की आपात बैठक बुलाई।

बैठक के बाद एक प्रेस कांफ्रेंस में विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने कहा कि तीन मुख्य निर्णय लिए गए:

सिंधु जल संधि स्थगित कर दी गई है।

भारत में पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए वीज़ा रद्द कर दिए जाएंगे।

इस्लामाबाद स्थित भारतीय दूतावास को बंद करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

इस फैसले को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

आतंकवादी हमले की गंभीरता को समझते हुए, सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने निम्नलिखित उपायों पर निर्णय लिया। 

1)1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखा जाएगा, जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को त्याग नहीं देता। 

2) एकीकृत चेकपोस्ट अटारी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा। जो लोग वैध तरीके के साथ सीमा पार कर चुके हैं, वे 1 मई 2025 से पहले उस मार्ग से वापस आ सकते हैं। 

3) पाकिस्तानी नागरिकों को SAARC वीजा छूट योजना के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पाकिस्तानी नागरिकों को अतीत में जारी किए गए किसी भी SPES वीजा को रद्द माना जाएगा। SPES वीजा के तहत वर्तमान में भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे हैं। 

4) नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया जाता है। उनके पास भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय है। 

5) भारत इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा। संबंधित उच्चायोगों में ये पद निरस्त माने जाएंगे।

बताया जा रहा है, कि हमले के पीछे टीआरएफ का हाथ था, अब तक 5 आतंकियों की पहचान कर ली गई है। लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी ली है। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि हमले में कुल पांच आतंकवादी शामिल थे, जिनमें दो स्थानीय और तीन पाकिस्तानी नागरिक शामिल थे।

सुरक्षा एजेंसियों ने तीन संदिग्ध आतंकवादियों के स्केच भी जारी किए हैं, जिनकी पहचान आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा के रूप में की गई है। इस हमले का मास्टरमाइंड लश्कर-ए-तैयबा का उप प्रमुख सैफुल्लाह खालिद बताया जा रहा है, जो फिलहाल पाकिस्तान में छिपा हुआ है।   

पहलगाम हमले के तुरंत बाद भारतीय सेना और सुरक्षा बलों ने कश्मीर के कुलगाम और बारामूला जिलों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया।

बारामूला में नियंत्रण रेखा के पास घुसपैठ की कोशिश करते समय दो आतंकवादी मारे गए। इस बीच कुलगाम में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ जारी है। सेना ने वहां कुछ आतंकवादियों को चारों तरफ से घेर लिया है। भारी मात्रा में हथियार और गोलाबारूद बरामद किया गया है।

इस घटना के बाद दक्षिण कश्मीर के विभिन्न इलाकों से दर्जनों लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। स्थानीय सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसियों की टीमें विभिन्न स्थानों पर तलाशी अभियान चला रही हैं।

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आज एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई जिसमें गृह मंत्री अमित शाह के निर्देशों के शीघ्र कार्यान्वयन पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि भारत सरकार इस हमले का कड़ा जवाब देगी।

वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा कि भारत की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत आतंकवाद का सफाया किया जाएगा। उन्होंने कहा, "हम उन लोगों तक भी पहुंचेंगे जो पर्दे के पीछे इस साजिश को अंजाम दे रहे हैं।"

सूत्रों के अनुसार, भारत आने वाले दिनों में पाकिस्तान के खिलाफ और कड़े कदम उठा सकता है, जिसमें व्यापार और राजनयिक संबंधों पर और प्रतिबंध लगाना शामिल हो सकता है। इस हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करने के लिए भी रणनीति तैयार की जा रही है।