Parvesh Verma: क्यों कट गया केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश वर्मा का पत्ता? जानिए CM ना बन पाने की वजह


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स्टोरी हाइलाइट्स

Parvesh Verma: भाजपा विधायक रेखा गुप्ता ने दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है, इसके बाद बीजेपी विधायक प्रवेश वर्मा के दिल्ली का मुख्यमंत्री न बनाए जाने को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं..!!

Parvesh Verma: शालीमार बाग की विधायक रेखा गुप्ता ने दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण कर ली है। बुधवार को भाजपा विधायक दल की बैठक में उनके नाम को मंजूरी दी गई। 

इस बीच, भाजपा विधायक प्रवेश वर्मा के दिल्ली का मुख्यमंत्री न बनने को लेकर चर्चाओं का बाज़ार गर्म है। दरअसल, नई दिल्ली सीट से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर प्रवेश वर्मा ने आम आदमी पार्टी (AAP) संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हराया था। 

वर्मा के लिए केजरीवाल को हराना असंभव लग रहा था। लेकिन वर्मा ने इसे संभव बना दिया। प्रवेश वर्मा को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद का प्रमुख दावेदार माना जा रहा था। लेकिन वह दिल्ली के मुख्यमंत्री नहीं बन सके, उनकी जगह पार्टी ने रेखा गुप्ता पर सीएम पद के लिए भरोसा जताया।

हालांकि केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश वर्मा का नाम मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे था, लेकिन वर्मा की राजनीतिक विरासत उनके मुख्यमंत्री पद की राह में रोड़ा बन गई। प्रवेश वर्मा दिल्ली के एक प्रमुख राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वह पूर्व भाजपा नेता और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के पुत्र हैं।

उनके चाचा आजाद सिंह उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर थे और उन्होंने 2013 का विधानसभा चुनाव भाजपा के टिकट पर मुंडका सीट से लड़ा था। भाजपा के इतिहास में आज तक कोई भी ऐसा व्यक्ति मुख्यमंत्री नहीं बना है जिसके माता या पिता पहले मुख्यमंत्री रहे हों। 

भाजपा ने प्रवेश वर्मा को मुख्यमंत्री न बनाकर परिवारवाद के आरोपों से बचना बेहतर समझा। रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने यह संदेश दिया है कि पार्टी महत्वपूर्ण है, व्यक्ति नहीं।

प्रवेश वर्मा की छवि दिल्ली में एक कट्टर हिंदू नेता की है। प्रवेश वर्मा मुसलमानों के खिलाफ बयान दे रहे हैं। ऐसे में प्रवेश वर्मा को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी मुसलमानों से दूरी नहीं बनाना चाहती थी। दरअसल, महिलाओं ने सबसे ज्यादा वोट भाजपा को दिया है। इसमें मुस्लिम महिलाओं के वोट भी शामिल हैं।

दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी का फुल फोकस मुख्य रूप से महिलाओं पर रहा। बीजेपी ने महिलाओं के लिए कई योजनाओं की घोषणा की। जिसके चलते महिलाओं ने भी खुलकर वोट दिया। दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कुल 48 सीटें जीती हैं। इसमें पार्टी को कुल 45.56 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए। ऐसे में भाजपा ने दिल्ली में महिला मुख्यमंत्री देकर देश की जनता को बड़ा संदेश दिया है।