X के सीईओ एलोन मस्क ने एक नया कदम उठाते हुए मोबाइल टावर के बिना फोन सेवा देने की योजना पेश की है। इसकी बीटा टेस्टिंग सोमवार 27 जनवरी से शुरू हो सकती है। स्टार लिंक डायरेक्ट टू सेल सेटेलाइट सेवा के तहत मोबाइल फोन सीधे सेटेलाइट से कनेक्ट होंगे। इससे मोबाइल टावर की जरूरत खत्म हो जाएगी।
इसकी मदद से मोबाइल फोन सीधे सैटेलाइट नेटवर्क से जुड़ जाएंगे, जिससे पृथ्वी के हर कोने में नेटवर्क उपलब्ध हो सकेगा। वर्तमान में 118 देशों में 4.6 मिलियन उपयोगकर्ताओं को हाई-स्पीड इंटरनेट उपलब्ध कराया जा रहा है।
स्पेसएक्स एक उपग्रह नेटवर्क पर काम कर रहा है। स्टारलिंक इंटरनेट सेवा को अगले स्तर पर ले जाने की भी तैयारी चल रही है। अब एलन मस्क की कंपनी द्वारा डायरेक्ट-टू-सेल (डीटीसी) बीटा परीक्षण की तैयारी की जा रही है। इसकी मदद से मोबाइल फोन सैटेलाइट नेटवर्क से जुड़ सकेंगे।
यूजर्स आसानी से सेलुलर सेवा का उपयोग कर सकते हैं। खास बात यह है कि इसके लिए आपको अलग से कुछ करने की जरूरत नहीं है। एक बार यह सेवा शुरू हो जाने पर, उपयोगकर्ता पृथ्वी के हर कोने में नेटवर्क तक पहुंच सकेंगे।
स्टारलिंक लगातार तेज़ इंटरनेट उपलब्ध कराने के लिए काम कर रहा है। यही कारण है कि कंपनी लगातार सैटेलाइट नेटवर्क पर काम कर रही है।
118 देशों में 4.6 मिलियन उपयोगकर्ताओं को हाई-स्पीड इंटरनेट उपलब्ध कराया जा रहा है। देश भर में 7 हजार उपग्रह जुड़े हुए हैं। स्टारलिंक को 2019 में लॉन्च किया गया था और यह कई मायनों में गेम-चेंजर साबित हुआ। इसका प्रयोग विश्व भर के कई देशों में किया जा रहा है।
यह सेवा स्मार्टफोन यूजर्स के लिए कई मायनों में खास होने वाली है। इसकी मदद से यूजर्स को अपने स्मार्टफोन पर सीधा कनेक्शन मिल जाएगा। खास बात यह है कि स्मार्टफोन सीधे सैटेलाइट नेटवर्क से कनेक्ट होगा। इसका मतलब यह है कि यूजर्स को नेटवर्क की समस्या से राहत मिलेगी। जहां स्थिति अच्छी नहीं है, वहां सैटेलाइट इंटरनेट के कई सकारात्मक संकेत मिले हैं। इस नेटवर्क का उपयोग भूकंप या प्राकृतिक आपदा की स्थिति में भी किया जा सकता है। इसकी मदद से डेटा स्पीड भी काफी अच्छी मिलती है।
इसका उपयोग फोन कॉल, संदेश और डेटा के लिए भी किया जा सकता है। उपग्रह नेटवर्क के लिए स्थलीय की तुलना में डायरेक्ट-टू-सेल का क्या लाभ है?
यह सेवा स्मार्टफोन यूजर्स के लिए कई मायनों में खास होने वाली है। इसकी मदद से यूजर्स को अपने स्मार्टफोन पर सीधा कनेक्शन मिल जाएगा। खास बात यह है कि स्मार्टफोन सीधे सैटेलाइट नेटवर्क से कनेक्ट होगा। इसका मतलब यह है कि यूजर्स को नेटवर्क की समस्या से राहत मिलेगी। जहां स्थिति अच्छी नहीं है, वहां सैटेलाइट इंटरनेट के कई सकारात्मक संकेत मिले हैं। इस नेटवर्क का उपयोग भूकंप या प्राकृतिक आपदा की स्थिति में भी किया जा सकता है। इसकी मदद से डेटा स्पीड भी बहुत अच्छी मिलती है।
इसका उपयोग फोन कॉल, मैसेज और डेटा के लिए भी किया जा सकता है। सैटेलाइट नेटवर्क के लिए ज़मीन पर टावर लगाने की आवश्यकता नहीं होती। इसके लिए सैटेलाइट की मदद से मोबाइल सेवा का उपयोग किया जा सकता है। टावर लगाने की कोई आवश्यकता नहीं है। इसके लिए सैटेलाइट की मदद से मोबाइल सेवा का उपयोग किया जा सकता है।