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प्रेरणा

परिस्थितियां जो भी हो हथियार ना डालें, कंधे तान कर रखें :By अतुल विनोद

24-11-2021

विश्व प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक जॉर्डन पीटरसन कहते हैं कि जीवन की परिस्थितियों को रोमांच के साथ स्वीकार करना चाहिए, यदि हम कठिन परिस्थितियों के बीच घिर गए हैं, तब भी हमें निराश नहीं होना है, यदि हम नाकामयाब हैं, हमारी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, हमें आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है, हम स्ट्रगल कर रहे हैं, तब भी हमें अपने आप को गिराना नहीं चाहिए.
 
हमें अपनी कीमत हमारी सफलता असफलता से नहीं आकनी चाहिए, हमें अपने बॉडी पोश्चर को नहीं बिगाड़ना है।
 
यदि कोई व्यक्ति आपको आपसे सफल दिखता है तब भी उसके सामने आपको लेटना नहीं चाहिए। विनम्रता जरूरी है लेकिन विनम्रता से आगे बढ़कर किसी के सामने पूरी तरह खुद को गिरा देना ठीक नहीं।
 
आप किसी और से बिल्कुल कम नहीं, आप भी एक इंसान हैं, इसके लिए पीटर केकड़े का उदाहरण देते हैं- केकड़े हमसे भी पुरानी 35 करोड़ साल पुरानी प्रजाति है, जब दो केकड़े लड़ते हैं और एक केकड़ा जीत जाता है, तो उसके अंदर सेरोटोनिन नामक हार्मोन की बढ़ोतरी हो जाती है, उसका हाव-भाव अलग होता है उसके अंदर का विजयी भाव, उसका उसका आत्मविश्वास अलग ही होता है। इसलिए हमें हार के बावजूद अपना आत्मविश्वास, अपनी शांति अपनी सहजता को खोना नहीं चाहिए, क्योंकि इनके खोने का अर्थ है अपने अंदर की सेरेटोनिन को कम करना। और यह कम हो गया तो आने वाली लड़ाई जीती नहीं जा सकेगी।
 
हारने के बावजूद भी सरोनिन का स्तर बनाए रखें, अपने बॉडी पोस्चर को स्ट्रांग रखें।
 
कंधे तान कर रखें।
 
कठिन जिम्मेदारी को भी एक्सेप्ट करें।
 
गर्दन सीधी करके चले और देखें आपका जीवन चमत्कारिक रूप से बदलता हुआ नजर आएगा।