भोपाल: प्रदेश के डीजीपी ने पुलिस परिवार की महिलाओं एवं बेटियों के सशक्तीकरण हेतु मप्र पुलिस परिवार कल्याण समिति की स्थापना के संबंध में अपनी सभी पुलिस इकाईयों को नये दिशा-निर्देश जारी किये हैं। इस कार्यक्रम को ‘‘धृति’’ नाम दिया गया है। इसके कार्यों में एक बिन्दु यह भी रखा गया है : सामाजिक/धार्मिक उत्सव आयोजनों को जीवन की व्यापक विधाओं के विकास के अवसर के रुप में स्थापित करना जैसे गरबा, सावन मेला आदि का आयोजन।
दिशा-निर्देश में बताया गया है कि पुलिस परिवार की महिलाओं और बच्चों की अभिरुचि को पहचाना जाये। पुलिस परिवार की महिलाओं और बच्चों की विभिन्न गतिविधियों के मारध्यम से तैयार की गई कृतियों एवं वस्तुओं के विक्रय हेतु सुविधा उपलब्ध कराई जाये, जैसे प्रदर्शनी लगाना, राज्य स्तर एवं इकाई स्तर पर विक्रय केंद्र खोलना, अन्य बिजनेस संस्थानों से प्रत्यक्ष अथवा ऑनलाईन सम्पर्क करके उत्पादों का विक्रय कराना।
वर्तमान में पचमढ़ी में एक विक्रय केंद्र स्थापित किया गया है जबकि भोपाल में भी एक विक्रय केंद्र खोले जाने की तैयारी है। इसके अलावा, पुलिस परिवार में अध्ययन, खेलकूद, नृत्य, नाट्य, चित्रकला, मूर्तिकला, फोटोग्राफी आदि विभिन्न विधाओं की अभिव्यक्ति हेतु मंच/अवसर उपलब्ध कराया जाना होगा।
चार स्तर पर गठित होंगी समितियां :
पूरे प्रदेश में चार स्तर पर पुलिस परिवार कल्याण समितियों का गठन होगा। एक, केंद्रीय समिति की अध्यक्ष डीजीपी की धर्मपत्नी होंगी और यह समिति नीतिगत निर्णय लेगी। दो, जोन स्तरीय समिति की अध्यक्ष एडीजीपी/आईजी जोन की धर्मपत्नी होंगी तथा यह समिति मार्गदर्शन देने का काम करेगी।
तीन, पुलिस कमिश्नरेट भोपाल व इंदौर स्तरीय समिति की अध्यक्ष वहां के कमिश्नर की धर्मपत्नी होंगी एवं यह सामिति सहयोग प्रदान करने का कार्य करेगी। चार, इकाई स्तरीय समिति की अध्यक्ष जिला/विसबल वाहिनी/इकाई के पुलिस अधीक्षक/सेनानी/इकाई प्रमुख की धर्मपत्नी होंगी और यह समिति कार्यक्रमों का क्रियान्वयन करेगी।