BJP विधायक बृजबिहारी पटेरिया के इस्तीफे के बाद राजनीति, अब लिया यू टर्न


Image Credit : X

मध्य प्रदेश में नवरात्रि उत्सव के बीच भोपाल में एक बड़ा पॉलीटिकल ड्रामा देखने को मिला। सागर की देवरी विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक बृजबिहारी पटेरिया ने पार्टी से नाराज होकर 10 तारीख की रात में विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। देवरी से बीजेपी विधायक और वरिष्ठ नेता बृजबिहारी पटेरिया उर्फ गुड्डा भैया ने अपनी नाराजगी के चलते पार्टी से इस्तीफा दे दिया था, बाद में सुबह खबर आई कि उन्होंने यू-टर्न लेते हुए अपना इस्तीफा वापस ले लिया।

Image

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कमलनाथ को बड़ा झटका देते हुए उन्होंने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थामा था। दरअसल अपनी सरकार और पार्टी से नाराज होकर बीजेपी विधायक ने विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसके बाद राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया। शाम को राजनीति के गलियारों से आई ख़बर ने सभी को सते में डाल दिया। बताया जा रहा है कि कोई बड़ा नुकसान न हो इसलिए विधायक पटेरिया की नाराजगी दूर कर दी गई है।

खबरों के मुताबिक, पार्टी से नाराजगी के कारण इस्तीफे की पेशकश कर चुके असंतुष्ट विधायक बृजबिहारी को मनाने की कोशिशें देर शाम तक जारी रहीं। इसके बाद विधायक ने यू-टर्न लेते हुए इस्तीफे को दुर्भाग्यपूर्ण और अफसोसजनक कदम बताया।

पटेरिया ने कहा कि इस्तीफे का फैसला गुस्से में लिया, मैंने गुस्से में यह कदम उठाया। लेकिन मुख्यमंत्री मोहन यादव हमारे साथ हैं, पूरा संगठन हमारे साथ है। इस पद पर पहुंचे कार्यकर्ताओं के आदेशों का पालन करना पड़ता है।

जानकारी के मुताबिक, एक दिन पहले 10 अक्टूबर को पटेरिया ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर विधायक पद से इस्तीफे की पेशकश की थी। उन्होंने कहा, ''मुझे दुख है कि पीड़िता के पक्ष में केसली थाने में एफआईआर दर्ज नहीं की गई, मैं दुखी हूं, जिसके कारण मैं इस्तीफा दे रहा हूं।''

कुछ दिन पहले एमपी के मऊगंज से बीजेपी विधायक के पुलिस अधिकारी के सामने झुकने का मामला सामने आया था, लेकिन आरोप हैं कि पुलिस विधायकों की बात नहीं सुन रही है। इसके बाद राज्य में सियासत गरमा गई। मामला अभी शांत नहीं हुआ था कि सागर जिले के देवरी से बीजेपी विधायक बृजबिहारी पटेरिया आमने-सामने आ गए।

दरअसल, बृजबिहारी पटेरिया गुरुवार शाम एक पीड़ित के लिए न्याय मांगने केसली थाने आते हैं, जहां उनकी बात नहीं सुनी जाती। विधायक अपने समर्थकों के साथ थाने में ही धरने पर बैठे जाते हैं। जब पुलिस अधिकारी नहीं सुनते तो वह नाराज होकर एक लेटरहेड लेकर विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा भेज देते हैं।