औरंगजेब की प्रशंसा करना पड़ा महंगा, अबू आजमी बजट सत्र से निलंबित, कहा- मैने जानबूझकर कुछ नहीं बोला


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स्टोरी हाइलाइट्स

सपा विधायक अबू आज़मी को औरंगजेब पर टिप्पणी करने के कारण महाराष्ट्र विधानसभा से निलंबित कर दिया गया है, अबू आज़मी ने स्पष्ट किया कि उनके बयान को जानबूझकर राजनीतिक मुद्दा बनाया जा रहा है..!

समाजवादी पार्टी (सपा) के महाराष्ट्र प्रमुख और विधायक अबू आजमी को मुगल बादशाह औरंगजेब की तारीफ करना भारी पड़ गया है। एक क्रूर शासक की प्रशंसा करने के कारण उन्हें महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र से निलंबित कर दिया गया है। बुधवार 5 मार्च को इस मुद्दे पर महाराष्ट्र विधानसभा और विधान परिषद में भारी हंगामा हुआ। इस बीच, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने साफ कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, औरंगजेब की तारीफ करने वाले को जेल भेजा जाएगा।

वहीं अपने बयान पर सफाई देते हुए समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी ने कहा कि मैने जानबूझकर कुछ नहीं बोला, मैंने वही कहा जो मैंने रिकॉर्ड में पढ़ा। मैंने केवल वही दोहराया जो प्रोफेसर औरंगजेब के बारे में कहते हैं और जो इतिहास में है।

वहीं विधानसभा में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने अबू आजमी की गिरफ्तारी पर सवाल उठाया, जिसके जवाब में सीएम फडणवीस ने कहा कि उन्हें निश्चित रूप से जेल भेजा जाएगा। इस मामले में अबू आज़मी के खिलाफ मुंबई के मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है।

इससे पहले मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने बुधवार को सदन में अबू आसिम आज़मी के निलंबन का प्रस्ताव रखा था। यह प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित हुआ। जिसके बाद आज़मी को मौजूदा बजट सत्र के अंत तक महाराष्ट्र विधानसभा की सदस्यता से निलंबित कर दिया गया। राज्य विधानसभा का बजट सत्र 26 मार्च को समाप्त होगा।

सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं का कहना है कि औरंगजेब की प्रशंसा में बयान देना मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके बेटे छत्रपति संभाजी महाराज का अपमान है। अबू आज़मी वर्तमान में मुंबई के मानखुर्द शिवाजी नगर निर्वाचन क्षेत्र से सपा विधायक हैं।

मंगलवार 4 मार्च को उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य विधानसभा में अबू आज़मी को देशद्रोही बताया और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। सत्ताधारी पार्टी के नेता सपा विधायक के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग पर अड़े हैं। वहीं विपक्ष ने भी औरंगजेब पर दिए गए बयान को लेकर आजम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

आपको बता दें, कि सपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष आजमी ने कहा कि औरंगजेब के शासनकाल में भारत की सीमाएं अफगानिस्तान और बर्मा (म्यांमार) तक पहुंचती थीं। देश की जीडीपी विश्व की जीडीपी का 24 प्रतिशत थी और औरंगजेब के शासनकाल में भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था।

हालांकि, विवाद बढ़ता देख सपा नेता ने अपना बयान वापस ले लिया है, लेकिन अभी भी उनकी मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। मुंबई के कोलाबा स्थित उनके घर के बाहर पुलिस सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है।
अपने बयान पर विवाद बढ़ता देख सपा विधायक अबू आजमी ने सफाई दी। उन्होंने एक वीडियो जारी कर कहा, "मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है।" औरंगजेब (अल्लाह उस पर रहम करे) के बारे में मैंने वही बात कही है जो इतिहासकारों और लेखकों ने कही है। मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या अन्य किसी महापुरुष के बारे में कोई अपमानजनक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन फिर भी अगर मेरे शब्दों से किसी को ठेस पहुंची है तो मैं अपने शब्द, अपना बयान वापस लेता हूं।

बाद में पत्रकारों से बातचीत में अबू आजमी ने औरंगजेब पर अपने बयान पर कहा, 'मैंने खुद कोई बयान नहीं दिया है। मुझ से किसी रिपोर्टर ने पूछा कि असम के मुख्यमंत्री, राहुल गांधी की तुलना औरंगजेब से कर रहे हैं। मैंने वही कहा जो हमारे इतिहासकारों ने लिखा और बोला है। मैंने उनके नाम बताए हैं।”