प्राणपुर, सावरवानी और लाडपुरा को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम का पुरस्कार, CM ने दी बधाई और शुभकामनाएं


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स्टोरी हाइलाइट्स

केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय ने किया पुरस्कृत, 8 श्रेणियों में देश के 36 गांव बने विजेता, MP के तीन गांव शामिल..!!

केन्द्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय पर्यटन दिवस के मौके पर मध्यप्रदेश के तीन गांवों को विभिन्न श्रेणियों में सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम सम्मान से नवाज़ा है। प्राणपुर को शिल्प श्रेणी में और सावरवानी एवं लाड़पुरा खास को रिस्पांसिबल टूरिज्म के लिए पुरस्कृत किया गया है।

शुक्रवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित हुए समारोह में म.प्र. टूरिज्म बोर्ड की अपर प्रबंध संचालक बिदिशा मुखर्जी ने ग्रामीण प्रतिनिधियों के साथ यह सम्मान ग्रहण किया। सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा सांस्कृतिक व प्राकृतिक संपदा को संरक्षित रखते हुए समुदाय आधारित मूल्यों व जीवन शैली को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित की जाती है। देश भर से कुल 900 गांवों से प्रविष्टियां प्राप्त हुई थी, जिसमें से सर्वश्रेष्ठ पर्य़टन ग्राम के लिये 36 गांवों का चयन किया गया।

ये गांव भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय की सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता 2024 में विजेता रहे हैं। प्राणपुर चंदेरी में, लाडपुरा खास निवाड़ी और सावरवानी छिंदवाड़़ा जिले में हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश के तीन ग्रामों को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार मिलने पर बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।

गांवों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2023 में सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांवों की प्रतियोगिता की शुरूआत की गई थी। इस पहल का मकसद उन गांवों की पहचान करना और उन्हें चिन्हित करना था, जो समुदाय-आधारित मूल्यों और सभी पहलुओं में स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता के ज़रिए सांस्कृतिक और प्राकृतिक संपत्ति को संरक्षित करते हैं और बढ़ावा देते हैं।

सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता के दूसरे संस्करण में, 30 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कुल 991 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 36 गांवों को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता 2024 की 8 श्रेणियों में विजेता घोषित किया गया

सावरवानी के बारे में

छिंदवाड़ा जिले की तामिया तहसील में झिरपा से 6 किलोमीटर अंदर 300 घरों का सावरवानी गांव 2019 में पर्यटन गांव बना है। सावरवानी गांव समृद्ध गोंड जनजातीय संस्कृति को दर्शाता है। सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान के बफर जोन से घिरा यह गांव शांत वातावरण, पक्षियों की प्रचुर प्रजातियां और मनोरम परिदृश्यों से भरा हुआ है। यहां टूरिज्म बोर्ड द्वारा 9 होम-स्टे तैयार किये जा चुके हैं। विलेज वॉक, प्राकृतिक खेती, बैलगाड़ी की सवारी, मछली पकड़ना, पक्षी देखना, साइकिल चलाना, स्टारगेजिंग जैसी गतिविधियों का आनंद लेते हैं। मक्के की रोटी, चने की भाजी और चना दाल जैसे स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ़ उठाते हैं।

अब तक यहां 300 से ज्यादा विदेशी पर्यटक भी आकर गांव की संस्कृति, खान- पान की संस्कृति से अवगत हुए है। खेती-किसानी, पशुपालन की गतिविधियों में पर्यटक स्वयं शामिल भी हुए। पर्यटकों में दक्षिण अफ्रीका, फ्रांस, यूरोप, रूस, कनाडा और यूनाइटेड किंगडम के नागरिक शामिल है।

सावरवानी में वे सब सुविधाएं हैं जो आदर्श गांव के लिए अनिवार्य हैं। सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। गांवों की शांति और प्राकृतिक परिवेश पर्यटकों को विशेष रूप से आकर्षित करता है। यहाँ शांत वातावरण में रुक कर आसपास के प्राकृतिक पर्यटन स्थल जैसे अनहोनी गर्म कुंड, अनहोनी मेला, सप्तधारा, चांवलपानी के पास स्थित खारा पानी दैविक कुंड, घोघरा वाटरफाल, तामिया, पातालकोट, मौनीबाबा की पहाड़ी के साथ झिंगरिया वाटरफाल की सैर कर पर्यटक प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेते हैं। सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान के बफर जोन का बरगोदी गांव इससे सटा हुआ है।

पर्यटकों के लिए ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर का पूरा पैकेज है। इसके अलावा बैलगाड़ी की सैर, गायों का दूध दुहना, उन्हें चारा खिलाना, खेती किसानी के छोटे-छोटे काम करना और पास की मोनाखेड़ी पहाड़ी में ट्रैकिंग की सुविधा, भजन मंडली और जनजातीय करमा नृत्य मंडली भी उपलब्ध होने से सावरवानी में रुकना यादगार बन जाता है और स्मृति लंबे समय तक बनी रहती है।

बुनकरों और शिल्पकारों का ग्राम प्राणपुर

प्राणपुर गांव, चंदेरी की तराई में लगभग चार किमी दूरी पर सुरम्य स्थल है। प्राणपुर को मध्य प्रदेश पर्यटन द्वारा देश के पहले क्राफ्ट हैंडलूम टूरिज्म विलेज के रूप में विकसित किया गया है। यहां बुनकरों के लगभग 243 घरों में हथकरघा बुनाई का कार्य किया जाता है, गांव में लगभग 550 हाथकरघों पर लगभग 900 बुनकर चंदेरी वस्त्रों  की बुनाई करते हैं। । वे हथकरघे का उपयोग दो-तीन पीढ़ियों से कर रहे हैं। गांव के पचास से अधिक शिल्पकार बांस, लकड़ी, पत्थर, गहने तथा मिट्टी के शिल्प से जुड़े हैं। यह पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केन्द्र है।

06 मार्च 2024 को म.प्र. के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केन्द्रीय नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा परियोजना का शुभारंभ किया गया था। गाँव में क्राफ्ट टूरिज्म ट्रेल, सोवेनियर शॉप और ग्राम की महिलाओं द्वारा संचालित हैंडलूम कैफे आदि निर्मित किए गए हैं।

गांव के पुराने कच्चे पहुंच मार्ग की मरम्मत स्थानीय पत्थरों से की गयी है। गांव के अन्दर पर्यटक अपने वाहनों से जाकर एक नियत स्थान पर उतरकर आकर्षक गांव का भ्रमण करते है। यहाँ पर एक पार्किंग स्थल भी विकसित किया गया है। पर्यटकों के लिये विशेष रूप से एक कैफेटेरिया “हैंडलूम कैफे” का निर्माण किया गया है। यहां महिला, पुरुष एवं दिव्यांगजनों के लिये जन सुविधाओं एवं पर्याप्त पार्किंग व्यवस्था भी उपलब्ध कराई गई है।

पर्यटकों की सुविधाओं एवं मनोरंजन के लिए बगीचा विकसित किया गया है। जिसमें एम्फीथियेटर का निर्माण भी किया गया है। यहां स्थानीय समुदाय के सांस्कृतिक दल समय-समय पर पर्यटकों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं।

लाड़पुरा खास के बारे में

निवाड़ी जिले में ओरछा से 8 किलोमीटर दूर स्थित लाड़पुरा खास को मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म मिशन के तहत पहले ग्रामीण पर्यटन गांव होने का गौरव प्राप्त है। बुंदेलखंड सांस्कृतिक क्षेत्र के केंद्र में बसा लाड़पुरा खास मेहमानों को बेहतरीन बुंदेली संस्कृति और परंपराओं से अवगत कराने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। मनमोहक परिदृश्यों, वादियों, कृषि क्षेत्रों और ग्रामीण जीवन से घिरा लाड़पुरा खास प्रकृति के सुरम्य नजारों से भरपूर है। स्थानीय वास्तुकला में निर्मित और हाथ से बनाई गई दीवार पेंटिंग से सजे होम-स्टे, लाड़पुरा खास के आकर्षण हैं।