भोपाल। राज्य में 34 हजार 642 निजी स्कूल हैं तथा अब 25 हजार रुपये सालाना फीस वाले निजी स्कूलों की फीस का निर्धारण हर साल नहीं किया जायेगा। यह नया प्रावधान मप्र निजी विद्यालय फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन संशोधन विधेयक जिसे विधानसभा के गत सत्र में 19 दिसम्बर को पारित किया गया था, को राज्यपाल द्वारा मंजूरी प्रदान करने से लागू हो गया है।
उक्त नये अधिनियम के उद्देश्यों में कहा गया है कि राज्य में ऐसे निजी स्कूलों की संख्या ज्यादा है जिनकी वार्षिक फीस 25 हजार रुपये से कम है। ऐसे स्कूलों को संसाधनों की कमी का सामना करना पड़ता है।
इसके अलावा, छोटे निजी स्कूलों का वर्गीकरण भी नहीं है। नये अधिनियम में निजी स्कूलों द्वारा परिवहन फीस के मामले में मनमाना निर्धारण करने पर भी अंकुश लगाया गया है। इसी प्रकार, अब निजी स्कूलों की फीस का निर्धारण करने एवं इसके खिलाफ अपील करने के संबंध में ती स्तर की समितियों का नया प्रावधान किया गया है।
स्कूल शिक्षा मंत्री की अयक्षता वाली राज्य समिति फीस का निर्धारण करेगी तथा जिला समिति निर्धारित की गई फीस का पालन न करने वाले निजी स्कूलों पर कार्यवाही कर सकेगी।
जिला समिति द्वारा की गई कार्यवाही के विरुध्द अपील विभागीय समिति सुनवाई करेगी जबकि विभागीय समिति के निर्णयों के विरुध्द अपील की सुनवाई राज्य समिति करेगी। इन सभी नये प्रावधानों के क्रियान्वयन के लिये राज्य सरकार अब नियम बनायेगी।