जनविश्वास कानून : सोसायटी रजिस्ट्रीकरण में अभियोजन खत्म


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स्टोरी हाइलाइट्स

सिर्फ ढाई हजार रुपये समझौता शुल्क लगेगा..!!

भोपाल: राज्य सरकार ने नवनिर्मित मप्र जन विश्वास उपबंधों का संशोधन अधिनियम 2024 में उल्लेखित मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1973 की उन धाराओं में सिर्फ समझौते यानि शमन शुल्क के भुगतान का प्रावधान लागू कर दिया है जिसमें पहले प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के समक्ष अभियोजन की कार्यवाही की जाती थी।

उल्लेखनीय है कि औद्योगिक निवेश एवं प्रोत्साहन विभाग द्वारा प्रशासित मप्र सोसायटी रजिस्ट्रीकरण एक्ट 1973 के तहत कार्यालय फर्म एवं सोसायटी द्वारा विभिन्न प्रकार की सोसायटियों का पंजीयन किया जाता है। इसकी धारा 16 की उपधारा 4 के तहत सोसायटी को अपने सदस्य का नाम या उसे हटाने की जानकारी अपने रजिस्टर में दर्ज करना होती है जबकि धारा 38 के तहत वार्षिक विवरणी जमा करना होती है और धारा 39 के तहत आडिट रिपोर्ट एवं एवं रजिस्ट्रार द्वारा किसी दस्तावेज को मांगे जाने पर देने का प्रावधान है। 

पहले इन धाराओं का पालन न करने पर कोर्ट में अभियोजन की कार्यवाही करने का प्रावधान था परन्तु अब इन धाराओं को शमनीय बना दिया गया है जिसके तहत अब सिर्फ ढाई हजार रुपये जुमाना लगाया जायेगा और प्रकरण समाप्त कर दिया जायेगा।