मशहूर अभिनेत्री ममता कुलकर्णी अब किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बन गई हैं। शुक्रवार को महाकुंभ में संन्यास ग्रहण किया। किन्नर अखाड़े की अध्यक्ष लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने उन्हें दीक्षा दी। उनका नया नाम श्रीयामाई ममता नंद गिरि रखा गया।
लेकिन अब ममता कुलकर्णी के किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनने पर हंगामा मच गया है। संत समाज ने इसे लेकर सवाल उठाये हैं। किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी का कहना है, कि एक महिला को महामंडलेश्वर क्यों बनाया गया। ऐसा करना है तो किन्नर अखाडा नाम क्यों रखा गया।
अगर नाम किन्नर अखाड़ा है तो महिला क्यों इससे अच्छा है किन्नर अखाड़े का नाम चेंज कर दीजिए आप और कोई और नाम सोच के रख लीजिए अगर महिलाओं को किन्नर अखाड़े में जोड़ना तो पुरुषों को भी इसमें जोड़ा जाना चाहिए।
हिंमांगी सखी ने ममता कुलकर्णी के बैकग्राउंडपर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है, कि ममता का जो बैकग्राउंड रहा है ये सब जानते हैं के वो ड्रग्स केस में भी जेल में रही हैं। और साथ ही साथ उनका जुड़ाव डी कंपनी के साथ भी रहा, इतने वर्षों तक ममता कुलकर्णी कहीं दिखी नहीं और अचानक से भारत वर्ष में प्रगट होकर महामंडलेश्वर बना दी जाती हैं।
आचार्य लक्ष्मी त्रिपाठी ने किसी से कोई राय मश्विरा किए बिना ही ममता को महामंडलेश्वर घोषित कर दिया। इस पर किन्नर अखाड़े ने जवाब देते हुए कहा, कि हर सनातनी का स्वागत है। इस पर जवाब देते हुए महामंडलेश्वर आचार्य लक्ष्मी त्रिपाठी ने कहा कि हर सनातनी का स्वागत है।
संतों ने कहा- ममता पर जो भी आरोप लगाए गए हैं। वे अभी तक सिद्ध नहीं हुए हैं। हर किसी को संन्यास लेने का अधिकार है। यहां तक कि एक वेश्या को भी गुरु बना दिया गया। इसलिए किसी भी व्यक्ति को उसकी योग्यता के आधार पर महामंडलेश्वर बनाया जा सकता है।
वहीं महामंडलेश्वर की पदवी को लेकर अन्य संतों में भी मतभेद है। एक ओर संत कहते हैं कि वे किसी को चुनकर संत नहीं बनाते। उसका चरित्र दिख रहा है। किन्नर अखाड़े को मान्यता देकर बहुत बड़ा पाप किया गया है।
शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने किन्नर अखाड़े की ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर नियुक्त किए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा- पिछले कुंभ में किन्नर अखाड़े को मान्यता देकर बहुत बड़ा पाप किया गया। जिस तरह की अनुशासनहीनता हो रही है वह बहुत खतरनाक है। यह सनातन धर्म के साथ विश्वासघात है, धोखा है।