Shardiya Navratri 2024: नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी को चढ़ाएं ये खास चीज


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स्टोरी हाइलाइट्स

कई स्थानों पर लोगों ने माता रानी की स्थापना की है। पंडालों से लेकर घरों तक लोग मां की पूजा-अर्चना कर रहे हैं..!!

Shardiya Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू हो गई है, जिसका उत्साह घरों से लेकर मां दुर्गा के पंडालों तक देखा जा सकता है। कई स्थानों पर लोगों ने माता रानी की स्थापना की है। पंडालों से लेकर घरों तक लोग मां की पूजा-अर्चना कर रहे हैं।

4 अक्टूबर यानी शुक्रवार को नवरात्रि का दूसरा दिन है। इस दिन मां दुर्गा के दूसरे रूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। माता ब्रह्मचारिणी को तपस्या और त्याग की देवी माना जाता है। उनके दाहिने हाथ में माला और बाएं हाथ में कमंडल है। माता ब्रह्मचारिणी को दूध, चीनी और पंचामृत का भोग लगाना बहुत शुभ बताया गया है।

इसलिए हम आपको सही तरीके से पंचामृत बनाना बता रहे हैं। ताकि आप भी अपने हाथों से पंचामृत बनाकर माता रानी को अर्पित कर सकें। ऐसा करने से माता रानी का दूसरा रूप आप पर अवश्य प्रसन्न होगा और आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी।

पंचामृत क्या है?

पंचामृत एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है 'पांच अमृत'। हिंदू धर्म में पूजा-पाठ और अनुष्ठानों में पंचामृत का उपयोग किया जाता है। यह मुख्य रूप से पांच तत्वों से बना है, जो इस प्रकार हैं।

पंचामृत बनाने की सामग्री

दूध - 1 कप, दही - 1/2 कप, घी - 1 बड़ा चम्मच, शहद – 1/2 बड़ा चम्मच, चीनी 1 चम्मच

पंचामृत बनाने का तरीका 

पंचामृत बनाने के लिए सबसे पहले एक बर्तन में 1 कप ठंडा दूध लें। अब दूध में 1/2 कप ताजा दही डालकर अच्छी तरह मिला लें। ध्यान रखें कि दही दूध के साथ अच्छी तरह से मिल जाना चाहिए।

अब इसमें घी डालकर अच्छी तरह मिला लें। इसके बाद इसमें शहद मिलाएं और मिश्रण को दोबारा अच्छे से मिलाएं। अब इसमें 1 बड़ा चम्मच चीनी डालें और अच्छी तरह घुलने तक हिलाएं।

परोसने से पहले उसमें तुलसी के पत्ते डाल दें। सभी सामग्रियों को अच्छे से मिलाने के बाद पंचामृत तैयार है। इसे पूजा में माता रानी को अर्पित करें और फिर प्रसाद के रूप में बांट दें।