Shortest Day of the Year: साल का सबसे छोटा दिन 21 दिसंबर, जानें क्या इस खगोलीय घटना का कारण


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स्टोरी हाइलाइट्स

Shortest Day of the Year: 21 दिसंबर शनिवार को साल का सबसे छोटा दिन है, इस दिन सूर्य पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्ध में अपने चरम पर होता है, इस घटना को ज्योतिष शास्त्र में विशेष महत्व दिया गया है और इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है..!!

Shortest Day of the Year: हर साल सबसे छोटा दिन दिसंबर के महीने में ही पड़ता है। अंग्रेजी में इसे विंटर सोलस्टाइस कहा जाता है। 21 या 22 दिसंबर को सबसे छोटा दिन कहा जाता है। इस दिन 21 दिसंबर को साल का सबसे छोटा दिन है। इस दिन सूर्य पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्ध में अपने चरम पर पहुँच जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भगवान सूर्य साल के सबसे छोटे दिन धनु राशि में प्रवेश करते हैं। इस समय भगवान सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर जाने की तैयारी कर रहे हैं।

सूर्य के चारों ओर पृथ्वी के परिभ्रमण के कारण इस वर्ष दिनांक 21 दिसम्बर 2024 को सूर्य मकर रेखा पर लम्बवत् होगा। इस दिन सूर्य की क्रान्ति 23 अंश 26 कला 16- विकला दक्षिण होगी। जिससे भारत सहित उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित देशों में सबसे छोटा दिन तथा सबसे बड़ी रात होगी। 21 दिसम्बर को उज्जैन में सूर्योदय 7 बजकर 04 मिनट तथा सूर्यास्त 5 बजकर 45 मिनट पर होगा। जिससे 21 दिसम्बर को उज्जैन में दिन की अवधि 10 घन्टे 41 मिनट तथा रात की अवधि 13 घन्टे 19 मिनट की होगी।

21 दिसम्बर को सूर्य सायन मकर राशि में प्रवेश करेगा। 21 दिसम्बर के बाद सूर्य की गति उत्तर की और दृष्टिगोचर होना प्रारम्भ हो जाती है, जिसे सायन उत्तरायन का प्रारम्भ कहते हैं। सूर्य की उत्तर की ओर गति होने के कारण अब उत्तरी गोलार्द्ध में दिन धीरे-धीरे बड़े होने लगेंगे तथा रात छोटी होने लगेगी। 20 मार्च 2025 को सूर्य विषुवत रेखा पर लम्बवत् होगा। तब दिन-रात बराबर होंगे।

इस घटना को शंकु यन्त्र के माध्यम से प्रत्यक्ष देखा जा सकता है। इस दिन शंकु की छाया सबसे लम्बी होकर पूरे दिवस मकर रेखा पर गमन करती हुई दृष्टिगोचर होगी। इस घटना को हम धूप होने पर ही देख सकेंगे।

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मकरसंक्रांति को भगवान सूर्य के उत्तरायण की शुरुआत माना जाता है। उत्तरायण सकारात्मक ऊर्जा का समय है। सूर्य को जीवन का कारक माना जाता है। साल के सबसे छोटे दिन पर सूर्य की ऊर्जा बहुत कम मानी जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कमजोर सूर्य आत्मविश्वास और स्वास्थ्य पर असर डालता है। हालाँकि यह समय आध्यात्म और ज्ञान दोनों की दृष्टि से अच्छा है। क्योंकि इस समय सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर चुका होता है और यह राशि बृहस्पति के प्रभाव में होती है।

साल का सबसे छोटा दिन अंधकार से प्रकाश की ओर संक्रमण का प्रतीक भी माना जाता है। इस समय नकारात्मक ऊर्जा और आदतों का त्याग करना चाहिए और जीवन में नए संकल्प लेने चाहिए। साल के सबसे छोटे दिन पर भी दान-पुण्य किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन अन्न, वस्त्र और धन का दान करना शुभ होता है। कमजोर सूर्य को मजबूत बनाने के लिए 'ॐ सूर्याय नमः' मंत्र का जाप करना चाहिए। गायत्री मंत्र का जाप भी लाभकारी होता है। आयुर्वेद के अनुसार साल का सबसे छोटा दिन शारीरिक शुद्धता और आने वाली सर्दी से बचाव का भी प्रतीक है। सूर्य के कमजोर होने से शरीर में ऊर्जा में कमी आ सकती है। इसलिए इस दिन सात्विक भोजन ही करना चाहिए।

आपको बता दें, कि 21 दिसम्बर 2024 को वेधशाला द्वारा स्कूल शिक्षा के 5 विद्यालयों से 50 विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को वेधशाला आमंत्रित किया गया है। इन विद्यार्थियों को खगोलीय अवलोकन करवाकर खगोलीय ज्ञान परीक्षा का आयोजन किया जायेगा। सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र एवं प्रथम तीन स्थान प्राप्त विद्यार्थियों को पुरस्कार प्रदान किये जायेगें ।