भोपाल। राज्य के गृह विभाग ने भारतीय नागरिक संहिता 2023 की धारा 187 के तहत राज्य के समस्त पुलिस थानों के अतिरिक्त भोपाल के छह और पुलिस संगठन को भी आरोपी को हिरासत में रखने के लिये अधिसूचित किया है। ये छह पुलिस संगठन हैं : आर्थिक अपराध अनुसंधान प्रकोष्ठ, लोकायुक्त संगठन, नारकोटिक्स विंग, अपराध अनुसंधान विभाग, स्पेशल टास्क फोर्स तथा सायबर सेल।
थाना प्रभारी फारेंसिक टीम बुला सकेंगे
गृह विभाग ने बीएनएस के तहत एक और नया प्रावधान अधिसूचित किया है। इसके अंतर्गत ऐसे प्रकरण जिनमें सात वर्ष या इससे अधिक की सजा का प्रावधान है, में थाना प्रभारी घटना स्थल की जांच हेतु फारेंसिक टीम को घटना स्थल की जांच हेतु बुला सकेंगे तथा यह फारेंसिक टीम साक्ष्य एकत्रित करने के लिये मोबाइल फोन या अन्य इलेक्ट्रानिक युक्ति से अपराध स्थल की वीडियोग्राफी सुनिश्चित करेगा।
भोपाल एवं इंदौर पुलिस कमिश्नर क्षेत्र में यह प्रावधान 30 जून 2027 से, ग्रामीण भोपाल, ग्रामीण इंदौर, ग्वालियर, देवास, रतलाम, शाजापुर, मंदसौर, नीमच, उज्जैन, धार, खरगौन, खण्डव, सीहोर, रायसेन, बैतूल, सागर, छतरपुर, जबलपुर, कटनी, छिन्दवाड़ा, रीवा, सतना, मुरैना और भिण्ड में 30 जून 2028 से और श्योपुर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, दतिया, आगर मालवा, अलीराजपुर, झाबुआ, बड़वानी, बुरहानपुर, राजगढ़, विदिशा, नर्मदापुरम, हरदा, दमोह, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी, नरसिंहपुर, पाण्ढुर्ना, सिवनी, मण्डला, डिण्डौरी, बालाघाट, सिंगरौली, सीधी, मैहर, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर एवं मऊगंज में 30 जून 2029 से लागू किया जायेगा।