SMA: एक ऐसी बीमारी जिसके लिए लगता है 21 करोड़ का इंजेक्शन


स्टोरी हाइलाइट्स

एसएमए यानी स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉपी, इसका इलाज सिर्फ एक इंजेक्शन से हो सकता है। लेकिन उसकी कीमत इतनी है कि लोग उसे खरीदने से ज्यादा मरना बेहतर समझेंगे।

जानिए कौन सी बीमारी में लगता है, इतना मंहगा इंजेक्शन इस दुनिया में बीमारियां तो बहुत है लेकिन बहुत कम बीमारियां ऐसी हैं, जिनका या तो इलाज ही नहीं है और है तो इतना महंगा कि आम लोगों की पहुंच से बाहर है| आज हम आपको बताते हैं ऐसी ही बीमारी के बारे में जिसका इलाज सिर्फ एक इंजेक्शन से हो सकता है लेकिन उस इंजेक्शन की कीमत थोड़ी बहुत नहीं बल्कि 21 करोड़ है| भगवान ना करे आपको यह बीमारी हो, लेकिन आपके लिए जानना बहुत जरूरी है कि यह बीमारी क्या है और इस बीमारी के इलाज में काम आने वाले इंजेक्शन की कीमत 21 करोड़ क्यों है? सबसे पहले आपको बताते हैं उस बीमारी के बारे में जिसमें लगता है 21 करोड़ का इंजेक्शन उस बीमारी का नाम है “एसएमए” यानी स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉपी " इसका इलाज सिर्फ एक इंजेक्शन से हो सकता है लेकिन उस इंजेक्शन की कीमत इतनी है कि लोग उसे खरीदने से ज्यादा मरना बेहतर समझेंगे। आपको बता दें,  दरअसल इंसानों के शरीर में प्रोटीन बनाने वाला एक जीन होता है. और इससे मांसपेशियां और तंत्रिकाएं जीवित रहती हैं. लेकिन जिन्हेें “एसएमए” यानि स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉपी " की बीमारी होती है उनके शरीर में यह जीन नहीं होता। सबसे दुख की बात तो ये है कि इसका पता गर्भ में नहीं लग पाता. इस मरीज के शरीर में प्रोटीन नहीं बना पाता. जिससे बच्चा ठीक ढ़ंग से चल नहीं पता, बोल नहीं पाता, यहाँ तक कि उसके शरीर का विकास भी रुक जाता है। जैसा कि ब्रिटेन के एडवर्ड, मुंबई की तीरा और हैदराबाद के आयांश और मेरठ की ईशानी के साथ हुआ. इस बीमारी का इंजेक्शन बन चुका है.. इस इंजेक्शन का नाम जोलगेनेस्मा है. इस इंजेक्शन को इलाज के लिए अमेरिका, जर्मनी और जापान से मंगाया जाता है. इस बीमारी से पीड़ित मरीज को यह इंजेक्शन सिर्फ एक ही बार दिया जाता है इसी वजह से यह इतनी महंगा है क्योंकि जोलगेनेस्मा उन तीन जीन थैरेपी में से एक है जिसे यूरोप में इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई है. इस बीमारी के इलाज के लिए अमेरिका में 2019 में ज़ोल्गेनस्मा थेरेपी को अनुमति मिली. यह इलाज दो साल से कम उम्र के बच्चों को दिया जाता है. हालांकि, इसके ज़रिए पूरे नुक़सान को ठीक नहीं किया जा सकता. किन्तु, कुछ हद तक बच्चा ठीक हो जाता है. इस इंजेक्शन को अमेरिकी वैज्ञानिकों ने इजात किया है उसकी बाजार में कीमत 21 करोड रुपए है. इंजेक्शन को देने के बाद शरीर में तंत्रिकाओं का निर्जीव होना बंद हो जाता है. कमज़ोर मांसपेशियों को दिमाग़ से फिर संकेत मिलने लगते हैं और वे धीरे-धीरे मज़बूत होने लगती हैं.आगे बच्चा बड़ा होकर चलने फिरने लायक़ हो जाता है.भारत में एसएमए पीड़ित बच्चों के लिए क्योर एसएमए फ़ाउंडेशन बनाया गया है, ताकि ज़रूरतमंदों को मदद मिल सके. बताया गया कि स्विटजरलैंड की कंपनी नोवार्टिस जोलगेन्स्मा यह इंजेक्शन तैयार करती है। नोवार्टिस कंपनी दुनियाभर के 50 लोगों को यह दवाई मुफ्त में देती है, लेकिन वह रेंडमली सेलेक्टेड मरीजों को ही मिलती है यदि आपके बच्चे को - साँस लेने में परेशानी सोने में दिक्कत मांसपेशियों में कमजोरी निगलने में परेशानी और बैठने में समस्या है तो दुर्भाग्यवश, यह एसएमए के लक्षण हो सकते हैं| क्या है ये बीमारी ? यह बीमारी 11,000 में से एक बच्चे को होती है, और किसी भी जाति या लिंग को प्रभावित कर सकती है. एसएमए शिशुओं में मृत्यु का एक प्रमुख आनुवंशिक कारण है. यह एसएमए 1 जीन जो कि एक मोटर न्यूरॉन जीन है में उत्पन्न विकार की वजह से होता है. एक स्वस्थ व्यक्ति में, यह जीन एक प्रोटीन का उत्पादन करता है जो तंत्रिकाओं के माध्यम से हमारी मांसपेशियों को नियंत्रित करता है. इसके बिना, वे तंत्रिका कोशिकाएं ठीक से काम नहीं कर सकती हैं और अंततः मर जाती हैं, जिससे दुर्बलता और कभी-कभी मांसपेशियों की घातक कमजोरी हो जाती है. एसएमए के चार प्रकार हैं - 1, 2, 3, और 4 जिसके लक्षण अलग अलग उम्र में दिखना शुरू होते हैं. लक्षणों की गंभीरता एसएमए के टाइप पर निर्भर करती है. कुछ लोगों में प्रारंभिक लक्षण जन्म से पहले ही शुरू हो जाते है जबकि कुछ में यह लक्षण वयस्क होने तक स्पष्ट नहीं होते हैं. हाथ, पैर और श्वसन तंत्र की मांसपेशियां आम तौर पर पहले प्रभावित होती हैं. यह बीमारी चुकी अनुवांशिक है इसलिए इसे लेकर आम लोग ज्यादा कुछ नहीं कर सकते| जो लोग भी बेबी की प्लानिंग कर रहे हैं वह स्वस्थ जीवन शैली रखें, नशे से दूर रहें, किसी तरह की अनुवांशिक बीमारी है तो उसके लिए डॉक्टर से पहले ही सलाह ले लें ताकि आपकी आने वाली पीढ़ी इस तरह की घातक बीमारी का शिकार ना हो|