दक्षिण कोरिया में रविवार को हुए विमान हादसे में 179 लोगों की मौत के बाद पूरी दुनिया सदमे में है। फिलहाल हादसे के कारणों की जांच की जा रही है। अमेरिकी जांचकर्ताओं की एक टीम भी दक्षिण कोरिया पहुंच चुकी है और स्थानीय अधिकारियों के साथ हादसे की जांच कर रही है। बताया जा रहा है कि दुर्घटना का संभावित कारण विमान से एक पक्षी का टकराना था, जिसके चलते कुछ ही मिनटों में पूरा विमान जलकर खाक हो गया।
कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि मुआन एयर ट्रैफिक कंट्रोलर ने विमान से पक्षी के टकराने का अलर्ट भेजा था। आशंका है कि पक्षी के टकराने से विमान का लैंडिंग गियर क्षतिग्रस्त हो गया और लैंडिंग के दौरान गियर खुल नहीं सका। विमान के पायलट ने दुर्घटना से कुछ मिनट पहले 'मेडे' अलर्ट भी भेजा था।
'मेडे' शब्द का प्रयोग आपातकालीन स्थितियों में पायलट या जहाज़ के कप्तान द्वारा किया जाता है। जब सभी यात्रियों की जान खतरे में पड़ जाती है और पायलट के पास बचने का कोई विकल्प नहीं बचता तो वह एयरपोर्ट पर मौजूद सभी सेंटरों पर आपातकालीन कॉल करता है।
दक्षिण कोरिया की जेजू एयर एयरलाइंस का बोइंग 737-800 विमान थाईलैंड से दक्षिण कोरिया जा रहा था, लेकिन मुआन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान रनवे से फिसल गया, एक दीवार से टकरा गया और आग की लपटों में घिर गया।
विमान में चालक दल समेत 181 लोग सवार थे। उनमें से केवल दो ही जीवित बचे और शेष 179 लोगों की मृत्यु हो गई। यह विमान दुर्घटना दक्षिण कोरिया की सबसे भीषण विमान दुर्घटनाओं में से एक है।
विमान के दोनों ब्लैक बॉक्स- फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर - बरामद कर लिए गए हैं। दुर्घटना में जीवित बचे दो फ्लाइट अटेंडेंट में से एक गंभीर रूप से घायल है उसे कई फ्रैक्चर हुए। हालांकि, उनकी हालत स्थिर है।
इस विनाशकारी दुर्घटना में एक 25 वर्षीय लड़की भी बच गई जिसके सिर और टखने में चोट आई है। मृतकों की पहचान की जा रही है और अब तक 65 शवों की पहचान हो चुकी है। रविवार देर रात भी एयरपोर्ट के अंदर लोग रोते-बिलखते रहे। विमान दुर्घटना के कारण दक्षिण कोरिया में सात दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है।