सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि पूरे दिन चला मंथन-2024 का आयोजन सार्थक रहा। मुख्य रूप से पीएम नरेन्द्र मोदी द्वारा युवा, गरीब, महिला और किसान, इन चार प्रमुख वर्गों के कल्याण के लिए निर्धारित की गई प्राथमिकता के अनुसार कार्य किया जाएगा। इसके लिए शीघ्र ही चार मिशन कार्य करेंगे। पीएम मोदी ने सुशासन का महत्व प्रतिपादित किया है।
सुशासन को दृष्टिगत रखते हुए आज सम्पन्न मंथन शिविर बैठक में विस्तृत विचार- विमर्श किया गया है। आज लिए गए निर्णय के अनुसार इस तरह की विमर्श बैठकें अब विभाग स्तर पर की जाएंगी। मध्यप्रदेश को अनेक क्षेत्रों में हब बनाने पर गुरूवार को गंभीर विचार-विमर्श हुआ है। मंत्रि-परिषद के सदस्यों को विभागीय कार्यों की समीक्षा करने के निर्देश दिए गए हैं। अधिक से अधिक जनकल्याण राज्य सरकार का लक्ष्य है।
सीएम डॉ. यादव ने कहा कि पीएम मोदी की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए मध्यप्रदेश सरकार निरंतर प्रयास करेगी। प्रदेश में अस्पतालों में वरिष्ठ रोगियों को सम्मान और सुविधा प्राप्त हो, इस दृष्टि से उनकी पृथक पंक्ति और बैठक का प्रबंध किया जाएगा। प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं ओर चिकित्सा शिक्षा संस्थाओं की संख्या निरंतर बढ़ रही है। प्रदेश में मेडिकल टूरिज्म की दृष्टि से भी प्रयास किए जाएंगे।
सीएम डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश को औद्योगिक हब बनाने के लिए रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की जो शुरूआत की गई, उसके सफल परिणाम मिल हैं। उन्होंने बतायया कि पीएम फरवरी 2025 में भोपाल में होने वाली ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में आयेंगे।
सीएम डॉ. यादव ने कहा कि उद्योगों को भूमि प्रदान करने के लिए उदार नीति का पालन करते हुए अधोसंरचना विकास के प्रयास बढ़ाए जाएंगे। उद्योग स्वयं विभिन्न विकास कार्यों को आवंटित भूमि के अनुसार क्रियान्वित करेंगे, इससे राज्य की अपनी सम्पदा के विकास और सुविधाओं में वृद्धि संभव होगी। पीएम मोदी ने मध्यप्रदेश की प्रशंसा की गई, प्रदेश विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ेगा।
सीएम डॉ. यादव ने कहा कि स्व. अटल जी की 100वीं जयंती पर खजुराहो में 25 दिसम्बर को केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के भूमि-पूजन के अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि मध्यप्रदेश ने एक वर्ष में प्रगति के नए आयाम स्थापित किए हैं। मध्यप्रदेश के पर्यटन की उन्होंने सराहना की और विश्व के 10 बड़े पर्यटन संभावनाओं से भरे क्षेत्रों में मध्यप्रदेश के शामिल होने का विशेष उल्लेख किया है।
सीएम डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार पीएम मोदी जी द्वारा किए गए मध्यप्रदेश के इस विशेष उल्लेख का सदैव सम्मान करेगी। मध्यप्रदेश पर्यटन सहित विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ेगा। सीएम डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश मेडिकल टूरिज्म के क्षेत्र में भी निरंतर कार्य करेगा।
प्रदेश में 30 मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। आने वाले एक वर्ष में इनकी संख्या 50 से अधिक हो जाएगी। पांच नए आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज प्रारंभ करने की पहल हुई है और शीघ्र ही प्रदेश में इनकी संख्या 60 हो जाएगी। प्रदेश में 55 जिले हैं, जिलों से इससे अधिक मेडिकल कॉलेज प्रदेश में हो जाएंगे, जिससे मध्यप्रदेश चिकित्सा का हब भी बनेगा।
विभिन्न क्षेत्रों में मध्यप्रदेश बनेगा सिरमौर..
सीएम डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश के प्रतिभाशाली युवा कार्य और रोजगार के लिए अन्य प्रदेशों में जाते हैं। सूचना प्रौद्योगिकी आधारित उद्योगों के विकास, नए मेडिकल कॉलेजों के प्रारंभ होने से उत्पन्न होने वाले रोजगार के अवसर, शिक्षा के क्षेत्र में कार्य की संभावनाओं और कृषि एवं नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में विभिन्न कार्यों को गति मिलने से बड़ी संख्या में युवाओं को काम मिलेगा। मध्यप्रदेश पर्यटन क्षेत्र में हब भी बनेगा।
इसके साथ ही चिकित्सा क्षेत्र और आईटी में भी हब बनेगा। संभाग स्तर पर हुई रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के प्रस्ताव क्रियान्वित होंगे। हरित अर्थ व्यवस्था, स्वच्छता, सुशासन के ठोस प्रयासों से राज्य के विकास को गति मिलेगी। मध्यप्रदेश सौर ऊर्जा के उपयोग में आगे है।
ओंकारेश्वर में प्रारंभ फ्लोटिंग सोलर प्लांट एक उदाहरण है। नर्मदापुरम जिले के मोहासा-बावई में नवकरणीय ऊर्जा उपकरण निर्माण की इकाइयों को स्थापित करने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य है। किसानों को सस्ती ही नहीं मुफ्त बिजली देने का कार्य नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन के उपायों से संभव हो रहा है। यह क्रांतिकारी परिर्वतन है।
मंथन शिविर में सीएम डॉ.यादव ने क्या कहा..
• टीम भावना से कार्य करने का प्रयास आवश्यक है।
• युवा, महिला, किसान और गरीब कल्याण पर आज मंथन हुआ है।
• मंथन शिविर मंत्रीगण और विभागों को कार्यों से यश-प्राप्ति का अवसर भी है।
• प्रदेश का बजट पांच वर्ष में दोगुना करने का प्रयास है।
• इस मंथन बैठक के बाद आगामी मंथन विभागीय स्तर पर होगा।
• ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में पीएम मोदी जी ने फरवरी माह में मध्यप्रदेश आने की सहमति दी है। यह समिट अपेक्षा से अधिक सफल होगी।
• मंत्रीगण पूरे वर्ष के कार्यों की समीक्षा करें।
• विभाग स्तर की समीक्षा से यह ज्ञात होगा कि किस क्षेत्र में प्रयास बढ़ाने हैं।
• समान स्वरूप के कार्य विभाग किस तरह संयुक्त रूप से कर सकते हैं, यह विचार-विमर्श भी किया गया है।
• कुपोषण कम करने के अभियान और 23 जिलों में टीबी नियंत्रण के अभियान सफल हों, ऐसे प्रयास हों।
• मंत्री एवं वरिष्ठ अधिकारी पूर्व की महत्वपूर्ण घोषणाओं और निर्णयों के क्रियान्वयन पर ध्यान दें।
• सायबर अपराध नियंत्रण के प्रयास बढ़ाने की आवश्यकता है, इसके लिए निर्धारित रणनीति के अमल पर ध्यान दिया जाए।
• मध्यप्रदेश राज्य परिवहन निगम को प्रदेश में पुन: प्रारंभ करने के संबंध में प्रक्रिया प्रारंभ की गई है।
• नगरों के विकास के लिए टियर-2 और टियर 3 श्रेणी के अनुसार आबादी के आधार पर अधोसंरचना विकास के लिए भारत सरकार से अधिकतम सहयोग प्राप्त करने के लिए भी मार्ग निकाले जा रहे हैं।
• वृंदावन ग्राम और नगरों में गीता भवनों की योजना को शीघ्र क्रियान्वित किया जाएगा।
• कृष्ण पाथेय के विकास और राम वन गमनपथ के कार्यों को गति दी जाएगी।
• दीर्घ अवधि की योजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं। सिंहस्थ-2028 के आयोजन में भी आश्रमों को स्थाई रूप से भूमि दिए जाने के निर्णय से उज्जैन में आवश्यक सुविधाएं बढ़ेंगी।
• वर्ष-2025 उद्योग वर्ष होगा। नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में मंत्रीगण ऐसा कार्य कर दिखाएं जिससे किसानों का विद्युत देयक शून्य हो जाए। सौर ऊर्जा संचालित पम्पों की स्थापना को प्राथमिकता दी जाए।
• अस्पतालों में बुजुर्ग नागरिकों को सम्मान और सुविधा मिले इसके लिए उनकी पृथक पंक्ति हो ऐसी व्यवस्था करने पर विचार हुआ है।
• उद्योगों में रात्रिकालीन शिफ्ट को सुरक्षा और सुव्यवस्था के साथ लागू करने पर चर्चा हुई।
• गौ-शालाओं के प्रबंधन को प्राथमिकता दी जा रही है। इंदौर में अभिनव प्रयोग कर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने गौ-शालाओं में जन्मदिन मनाने की प्रथा को प्रोत्साहित किया है। यह मॉडल प्रदेश में अपनाया जाए। ताकि स्वच्छता के साथ गौमाता के प्रति सम्मान का भाव सशक्त हो। ग्वालियर के पश्चात उज्जैन में सीएनजी संयंत्र स्थापित कर संचालित की जा रही गौ-शालाओं से लाभ मिल रहा है। ऐसी ही गौ-शाला की स्थापना भोपाल में होगी जो लगभग दस हजार क्षमता की होगी। इस गौ-शाला का भूमिपूजन हो चुका है।
• निर्धनता कम करने के महत्वपूर्ण उपाय के रूप में पशुपालन को अपनाने के निर्देश भी दिए गए हैं। प्रदेश का दुग्ध उत्पादन देश के दुग्ध उत्पादन का 9 प्रतिशत है। इसे बढ़ाकर 20 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य है।
• प्रदेश में चिकित्सा महाविद्यालय बढ़ रहे हैं। इस दृष्टि से स्व-वित्तीय व्यवस्था का मॉडल उपयोग में लाया जाएगा।
• कृषि क्षेत्र में युवाओं को रोजगार की संभावनाएं साकार करना है।
• प्रदेश में अनेक क्षेत्रों में युवाओं को कार्य मिल रहा है। रोजगार प्राप्त करने वालों के नाम बेरोजगारों की सूची में शामिल रहने की विसंगति को दूर करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए पंजीयन प्रक्रिया में सुधार और सूची अपडेट रखने के निर्देश दिए गए हैं।
• पर्यटन व्यवस्थाओं को उच्च स्तर का बनाए रखें। कमियों को दूर कर और योजना बनाकर कार्य हो। इस संबंध में निर्देश दिए गए हैं।
• प्रदेश में रेल नेटवर्क के विस्तार का कार्य हो रहा है। रेल सुविधाएं बढ़ाने के लिए मंत्रीगण भी प्रयासरत रहें। बेहतर रेल सुविधाओं का लाभ मिलने से प्रदेश की अर्थ व्यवस्था को सशक्त बनाने में सहयोग मिलेगा।